Friday, October 18, 2024
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उत्तराखंड सरकार पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए टिहरी समेत पांच जलाशयों में सी-प्लेन उतारने की तैयारी कर रही है

टिहरी : उत्तराखंड पर्यटन के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा। यहां की झीलों और नदियों में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। टिहरी झील पर्यटन का प्रमुख केंद्र बन कर उभरी है। अब सरकार पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए टिहरी समेत पांच जलाशयों में सी-प्लेन उतारने की तैयारी कर रही है। जिन जगहों पर सी-प्लेन उतारे जाएंगे, वहां का अध्ययन कर लिया गया है।

अब उत्तराखंड नागरिक उड्डयन प्राधिकरण यूकाडा को केंद्र सरकार द्वारा सागरमाला परियोजना के अंतर्गत बनाई गई एसपीवी (विशेष साधन योजना) के साथ करार करना है। एसपीवी इन जगहों पर ढांचागत विकास के साथ ही सी-प्लेन संचालन में प्रदेश सरकार का तकनीकी सहयोग करेगी। उत्तराखंड की ओर से 5 जगहों पर सी-प्लेन उतारने की संभावना का प्रस्ताव केंद्र को भेजा गया था। जिनमें ऊधमसिंहनगर का हरिपुरा जलाशय, ऋषिकेश बैराज, टिहरी झील, नानकमत्ता बैराज और कालागढ़ झील को शामिल किया गया है। केंद्र ने इन स्थानों पर सी-प्लेन के संचालन के संबंध में अध्ययन करने को कहा था।

अध्ययन के दौरान इन सभी स्थानों को सी-प्लेन के लिए उपयुक्त पाया गया है। प्रदेश सरकार द्वारा इसकी रिपोर्ट केंद्र को भेज दी गई है। अब इसके लिए केंद्र द्वारा गठित एसपीवी से करार किया जाना है। साल 2019 में प्रदेश सरकार और एयरपोर्ट अथॉरिटी के बीच यहां वाटर एयरोड्रम बनाने के लिए करार हुआ था। वाटर एयरोड्रम ऐसी जगह पर बनेगा, जहां मोटर बोट के संचालन को अनुमति नहीं होगी। इस योजना को केंद्र ने नए स्वरूप में लिया है। इसके लिए केंद्र ने सागरमाला परियोजना के अंतर्गत एक एसपीवी का गठन किया है। जो देश के अलग-अलग राज्यों में सी प्लेन संचालन के लिए ढांचागत व तकनीकी सहयोग देगी। सचिव नागरिक उड्डयन दिलीप जावलकर ने कहा कि इसकी पत्रावली केंद्र को भेज दी गई है। आचार संहिता के कारण फिलहाल काम रुका हुआ है। आचार संहिता खत्म होने के बाद नई सरकार के दिशा निर्देशों के अनुसार इस काम को आगे बढ़ाया जाएगा।