ऋषिकेश एम्स के आई बैंक में नेत्रदान
- पांच दिवंगत व्यक्तियों के परिजनों ने नेत्रदान की कार्यवाही पूरी कराई
- अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के ऋषिकेश आई बैंक में बीते रविवार को पांच दिवंगत लोगों का उनके परिजनों ने मृत्यु उपरांत नेत्रदान कराया
- नेत्रदान के प्रति जागरुक लोगों के इस प्रयास से 10 नेत्रहीन लोगों का जीवन रोशन हो सकेगा
ऋषिकेश: एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) मीनू सिंह ने नेत्रदान जैसे महादान के इस पुनीत संकल्प के लिए दिवंगतों के परिजनों की सराहना की। उन्होंने कहा कि इससे अन्य लोगों को भी नेत्रदान के संकल्प की प्रेरणा लेनी चाहिए।
एम्स अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक एवं नेत्र रोग विभागाध्यक्ष प्रो. संजीव कुमार मित्तल ने बताया कि हल्द्वानी निवासी अनिल शर्मा (54वर्ष) का बीते शनिवार की रात को असामयिक निधन हो गया। उनके निधन के बाद भाई ओमप्रकाश शर्मा ने अपने दिवंगत भाई का नेत्रदान कराया।
दूसरी ओर ऋषिकेश निवासी विजय अग्रवाल (63 वर्ष) के असामयिक निधन होने पर उनके भाई अनूप अग्रवाल व दिवंगत के पुत्र अंकित अग्रवाल जो कि एम्स के हीमेटोलॉजी विभाग में बतौर चिकित्सक कार्यरत हैं, उन्होंने अपने दिवंगत पिता का नेत्रदान कराया। उधर, ऋषिकेश निवासी विकास (40 वर्ष) का बीते रविवार सुबह असामयिक निधन हो गया। नेत्रदान के प्रति जागरुक उनके भाई सुनील कुमार ने दिवंगत विकास के निधन पर उनका नेत्रदान कराया।
साथ ही आवास विकास कॉलोनी, ऋषिकेश निवासी माधुरी गुप्ता (83वर्ष) का बीते रविवार को असामयिक निधन होने पर उनके पति महराज कृष्ण गुप्ता ने ऋषिकेश आई बैंक, एम्स से संपर्क साधकर अपनी दिवंगत पत्नी का नेत्रदान कराया। जबकि हरिद्वार निवासी शकुंतला देवी (70वर्ष) का असामयिक निधन पर उनके पुत्र नीरज ने ऋषिकेश आई बैंक से संपर्क साधकर नेत्रदान महादान जैसा पुण्य कार्य किया। नेत्रदान टीम में रेजिडेंट डॉक्टर नंदू, आई बैंक प्रबंधक महिपाल चौहान, काउंसलर संदीप गुसाईं, बिंदिया भाटिया, आलोक राणा और पवन सिंह का योगदान रहा, साथ ही इनमें से दो स्वैच्छिक नेत्रदान में ऋषिकेश के सामाजिक कार्यकर्ता गोपाल नारंग का विशेष योगदान रहा।
उक्त सभी पांच परिवारों से एम्स की नेत्र बैंक टीम ने संपर्क साधकर उन्हें नेत्रदान के लिए प्रेरित किया और टीम की प्रेरणा से परिजनों ने अपने दिवंगत प्रियजनों का नेत्रदान कराया। उन्होंने बताया कि पांच दिवंगत लोगों से आई बैंक को प्राप्त 10 कॉर्निया से 10 नेत्रहीन लोगों को नेत्र ज्योति मिल सकेगी, जिससे वह ईश्वर की बनाई हुई रंगबिरंगी दुनिया को अपनी आंखों से देख सकेंगे।
गौरतलब है कि अब तक ऋषिकेश आई बैंक (एम्स) को स्थापना के बाद से अब तक 696 कॉर्निया प्राप्त हुए हैं ।ऋषिकेश नेत्र बैंक की मेडिकल डायरेक्टर डॉक्टर नीति गुप्ता ने बताया कि बीते वर्ष 2022-23 में आई बैंक एसोसिएशन ऑफ इंडिया के आंकड़ों के मुताबिक उत्तराखंड राज्य में कुल कॉर्निया प्राप्त 348 हैं, जिसमें से 264 कॉर्निया में ऋषिकेश आई बैंक का योगदान रहा, साथ ही 197 कॉर्निया प्रत्यारोपित हुए हैं, जिसमें 157 कॉर्निया का प्रत्यारोपण एम्स ऋषिकेश के नेत्र विज्ञान विभाग के कॉर्निया प्रत्यारोपण सर्जन द्वारा किए गए हैं। उन्होंने बताया कि यदि इसी तरह उत्तराखंड के जागरुक नागरिकों का नेत्रदान कराने में सहयोग रहा, तो वह दिन दूर नहीं जिस दिन हम संपूर्ण उत्तराखंड को अंधता मुक्त कर सकते हैं।
ऐसे में आवश्यकता पड़ने पर हम उत्तराखंड के अलावा अन्य बाहरी राज्यों को भी कॉर्निया प्रत्यारोपण के लिए उपलब्ध करा सकते हैं। उन्होंने ऋषिकेश की जनता का नेत्रदान महादान के पुण्य कार्य के प्रति जागरुकता की सराहना की और सभी का धन्यवाद किया।