Friday, December 27, 2024
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देहरादून: ऐतिहासिक श्री झंडे जी का हुआ भव्य आरोहण, उमड़ा आस्था का सैलाब

बीते साल ऐतिहासिक झंडे जी का आरोहण कोरोना संकट के बीच हुआ था। संक्रमण के कारण मेला केवल दो दिन ही चला, लेकिन इस बाद दरबार साहिब और मेले में रौनक है। प्रेम, सद्भावना, भाईचारा, मानवता, श्रद्धा व आस्था का प्रतीक ऐतिहासिक श्री झंडा जी मेला इस साल भव्य स्वरूप में आयोजित हो रहा है। सुबह सात बजे पुराने श्री झंडे जी को उतारा गया। इसके बाद नए झंडे जी पर गिलाफ चढ़ाया जा रहा है।

इस दौरान भारी संख्या में संगतें मौजूद हैं। देहरादून में आयोजित होने वाला श्री झंडे जी मेले का अपना इतिहास है। इसके लिए पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, उत्तर प्रदेश, राजस्थान सहित देश के अलग-अलग जगहों से हजारों की संख्या में श्रद्धालु श्री दरबार साहिब पहुंचते हैं। श्री झंडे जी मेले के लिए श्री दरबार साहिब को विशेष रूप से सजाया गया है। रात के समय दूधिया रोशनी में दरबार साहिब की आभा देखते ही बन रही है।

श्री झंडे जी पर तीन तरह के गिलाफों का आवरण होता है। सबसे भीतर की ओर सादे गिलाफ चढ़ाए जाते हैं इनकी संख्या 41 होती है। मध्यभाग में शनील के गिलाफ चढ़ाए जाते हैं इनकी संख्या 21 होती है। सबसे बाहर की ओर दर्शनी गिलाफ चढ़ाया जाता है इनकी संख्या एक होती है। इस साल नई दिल्ली के बलजिंदर सिंह सैनी को दर्शनी गिलाफ चढ़ाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है।

मंगलवार को सुबह सात बजे पुराने श्री झंडेजी को उतारने का कार्यक्रम शुरू हुआ। श्री दरबार साहिब के व्यवस्थापक केसी जुयाल ने बताया कि मेला प्रबंधन की ओर से संगत के भोजन, ठहरने, पानी और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए विशेष व्यवस्था की गई है।

दोपहर बाद श्री दरबार साहिब के सज्जादानशीन श्रीमहंत देवेंद्र दास महाराज की अगुवाई में श्री झंडेजी का आरोहण किया गया। एसजीआरआर, तालाब, एसजीआरआ, बांबे बाग मातावाला बाग, एसजीआरआर, रेसकोर्स, एसजीआरआर, राजा रोड में भारी संख्या में संगत पहुंची हैं।

श्रीमहंत देवेन्द्र दास महाराज ने श्री झंडा जी मेला में शामिल होने के लिए आने वाली संगतों व श्रद्धालुओं से कोरोना गाइडलाइन का कड़ाई से पालन करने की अपील की थी। उन्होंने संगत और श्रद्धालुओं का आह्वान किया है कि मेला आयोजन में शामिल होने के दौरान सभी श्रद्धालु व संगत मास्क पहनें, गाइडलाइन का पालन करें।

श्री दरबार साहिब के सज्जादानशीन श्रीमहंत देवेन्द्र दास महाराज ने संगत को श्री गुरु महाराज के दिखाए रास्ते पर चलने का संदेश दिया। मेले के कुशल संचालन के लिए मेला प्रबंधन समिति और संगतों को जरूरी दिशा निर्देश भी दिए गए। (साभार – अमर उजाला )