Thursday, December 26, 2024
उत्तर प्रदेश

प्रयागराज: स्मिता ने लंबे बालों से दर्ज कराया गिनीज बुक में नाम

अध्यात्म और साधु-संतो की नगरी कहे जाने वाले प्रयागराज का नाम अब गिनीज बुक्स ऑफ वर्ल्ड रिकाॅर्ड में भी दर्ज हो गया है। अल्लापुर के लेबर चौराहा की रहने वाली स्मिता श्रीवास्तव ने अपने लंबे बालों के दम पर गिनीज बुक्स ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराकर दुनिया की सबसे लंबे बाल होने का कीर्तिमान गढ़ दिया है। उन्हाेंने अपने बालों को किसी शैंपू का प्रयाेग करके नहीं बढ़ाया है बल्कि वह प्राकृतिक चीजों का प्रयोग करके 7.9 फुट लंबे बाल की हैं।

स्मिता श्रीवास्तव मूलरूप से ज्ञानपुर भदोही की रहने वाली हैं। वह प्राचीन इतिहास से एमए की हैं और उनकी प्रारंभिक पढ़ाई-लिखाई मिर्जापुर से हुई है। 2001 में उनकी शादी अल्लापुर के रहने वाले सुदेश श्रीवास्तव के साथ हुई। सुदेश एक बिजनेस मैन हैं। उनके दो बेटे हैं। बड़ा बेटा अथर्व श्रीवास्तव जो नोएडा से बीटेक कर रहा है और छोटा बेटा शाश्वत जो अभी सातवीं कक्षा में पढ़ाई कर रहा है। स्मिता ने बताया कि 29 नवंबर को उनका नाम गिनीज बुक्स ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में आया।

इसकी खबर लाेगों को लगते ही उनके घर बधाई देने वालों का तांता लग गया। पास-पड़ोस के लोग भी गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के खिताब के साथ फोटो व सेल्फी लेने पहुंच गए। उन्होंने बताया कि 14 वर्ष के आयु के बाद वह कभी भी अपने बालों में कैंची नहीं लगाई और नहीं कभी बालों के लिए पार्लर में गईं। वह अपने लंबे बालों का श्रेय अपनी मां सुशीला को देती हैं। उन्होंने बताया कि 75 साल की उम्र में भी उनकी मां के बाल बेहद खूबसुरत, घने और लंबे हैं। वहीं गिनीज बुक्स ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज होने के बाद स्मिता अब पद्मश्री अवार्ड पाकर पूरे देश दुनिया में अपना नाम कमाना चाहती हैं।

20 सालों से संजोकर रखी हैं अपने झड़े हुए बाल

स्मिता बताती हैं कि 2012 में उन्हेंं लंबे बालों के लिए लिम्का बुक्स ऑफ वार्ड से सम्मानित किया गया था। उसके बाद उनके दूसरे बच्चे के जन्म के बाद उनकी तबीयत खराब हो गई और उस उन्हें अपने एक फुट बाल को कटवाना पड़ा था। उसके बाद से उनके बाल झड़ने लगे। उन्हें अपने बालों से बेहद प्रेम होने की वजह से वह काफी परेशान रहने लगीं। उसके बाद उन्होंने अपने झड़े हुए बालों को संजोकर रखने का सोंचा। 20 सालों से अब तक वह अपने सारे झड़े हुए बालों को एक थैले में सुरक्षित रखीं हैं। वह उन बालों को म्यूजियम या कैंसर पीड़ितों को दान में देने के लिए सोंचा है।

हफ्ते में एक बार धोती हैं बाल, दो से ढाई घंटे लगते हैं बाल को संवारने में

स्मिता बताती हैं कि आमतौर पर वह हफ्ते में एक बार रविवार को अपने बाल को धोती हैं। बालों को धोने में वह एक लोहे की कढ़ाई में दो अंडे , एलोवेरा, आंवला जैसे अन्य प्राकृतिक चीजों का पेस्ट बनाकर लगाती हैं और उसे आधे घंटे तक धोती हैं। उसके बाद वह दो से ढाई घंटे तक अपने बालों को सुखाने व संवारने में लगाती हैं। उन्होंने यह भी बताया कि बाल लंबे होने की वजह से वह बेड पर खड़ी होकर नीचे चद्दर बिछाकर कंघी करती हैं। उसके बाद जो भी बाल झड़ते हैं उसे सुरक्षित रख लेती हैं। बालों में वह नारियल के तेल का प्रयोग करती हैं।

प्राचीन भारतीय संस्कृति में देवी-देवताओं के बालों को देखकर मिली प्रेरणा

स्मिता बताती हैं कि उन्हें प्राचीन भारतीय संस्कृत में देवी-देवताओं के लंबे बालों को देखकर प्रेरणा मिली। उसके बाद वह 1980 के दशक की अभिनेत्रियों के शैली को अपनाने की कोशिश की। उन्होंने बताया कि अपने समाज में बालों को काटना अशुभ माना जाता है। इसलिए महिलाएं बाल नहीं कटाती थीं। लंबे बाल महिलाओं की सुंदरता को बढ़ाते हैं। फिलहाल स्मिता को लंबे बालों के चलते देश व प्रदेश में कई जगहों पर सम्मानिक की जा चुकी हैं।

स्मिता श्रीवास्तव मूलरूप से ज्ञानपुर भदोही की रहने वाली हैं। वह प्राचीन इतिहास से एमए की हैं और उनकी प्रारंभिक पढ़ाई-लिखाई मिर्जापुर से हुई है। 2001 में उनकी शादी अल्लापुर के रहने वाले सुदेश श्रीवास्तव के साथ हुई। सुदेश एक बिजनेस मैन हैं।