राज्यपाल गुरमीत सिंह ने उत्तराखंड में महिला सशक्तीकरण के लिए प्रभावी कार्य योजना बनाने हेतु बैठक ली
राजभवन देहरादून :राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने कहा कि राजभवन में शीघ्र महिला सशक्तीकरण पर एक सेमिनार आयोजित किया जाएगा, जिसमें उत्तराखंड में महिला सशक्तीकरण हेतु प्रभावी कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया जाएगा। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) की पहल पर राजभवन उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं के जीवन एवं संघर्ष पर हिंदी तथा अंग्रेजी भाषा में दो शोधपरक पुस्तकों के लेखन को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसी वर्ष यह पुस्तकें राजभवन से प्रकाशित की जाएंगी।
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) की पहल पर ही राजभवन की त्रैमासिक पत्रिका नंदा का विमोचन आगामी 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर किया जाएगा। यह पत्रिका उत्तराखंड की महिलाओं के संघर्ष को समर्पित की गई है। शनिवार को राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने राजभवन में उत्तराखंड में महिला सशक्तीकरण के लिए प्रभावी कार्य योजना बनाने हेतु महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग के सचिव श्री हरी चंद्र सेमवाल, अपर सचिव श्रीमती स्वाति एस भदौरिया, संस्कृति निदेशक सुश्री बीना भट्ट, राजभवन की महिला अधिकारियों, उत्तराखंड की प्रतिष्ठित महिला लेखिकाओं, पत्रकारों तथा महिला समाज सेवकों व कार्यकर्ताओं की बैठक ली। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने कहा कि महिला सशक्तीकरण मात्र 8 मार्च के दिन तक सीमित नहीं रहना चाहिए। यह एक मिशन है। उन्होंने कहा कि वास्तव में महिला सशक्तीकरण हेतु सोच विचार के क्षेत्र में क्रांति की जरूरत है। राज्य में महिला सशक्तीकरण तथा बालिका शिक्षा हेतु सरकारी तथा सामाजिक एवं निजी प्रयासों का एकीकरण आवश्यक है। महिलाएं ही समाज तथा देश में परिवर्तन ला सकती हैं, यदि उन्हें अवसर प्रदान किए जाए।
राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखंड की महिलाओं का समाज एवं राज्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। लेकिन उत्तराखंडी महिलाओं को उनके संघर्ष तथा योगदान का उचित श्रेय नहीं दिया गया है। राज्य में महिला स्वयं सहायता समूह क्रांतिकारी कार्य कर रहे हैं, लेकिन उनकी आमदनी बढ़ाने के लिए प्रयास होने चाहिए। स्वयं सहायता समूह के उत्पादों को बेहतर मार्केटिंग, एडवर्टाइजमेंट तथा अंतरराष्ट्रीय ब्रांड के रूप में स्थापित किए जाने की जरूरत है। राज्य में एमएसएमई, डायरेक्ट टू बैंक तथा माइक्रोफाइनेंस के माध्यम से स्वयं सहायता समूहों को प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने कहा कि राज्य में महिलाओं को लीडरशिप में हिस्सेदारी मिलनी भी जरूरी है, उन्हें सभी क्षेत्रों में नेतृत्व करने हेतु प्रोत्साहित करना होगा। राज्य में अधिक से अधिक महिलाओं को निर्णायक पदों पर होना चाहिए। डिसीजन मेकिंग में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण होनी चाहिए। राज्य में महिलाओं की नीति निर्माण में भागीदारी बढ़नी चाहिए।
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने उपस्थित अधिकारियों तथा महिला लेखकों व पत्रकारों को महिला सशक्तिकरण पर एक ठोस कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए। राज्यपाल ने कहा कि सोशल मीडिया के माध्यम से भी महिला सशक्तीकरण की अवधारणा को सशक्त किया जाना चाहिए।
इस अवसर पर वित्त नियंत्रक राजभवन डा. तृप्ति श्रीवास्तव, लेखिका श्रीमती बीना बेंजवाल, श्रीमती हरविंदर नोनी बग्गा, श्रीमती अंजलि नौडियाल, स्पाइस मेके संस्था से श्रीमती राधा, सामाजिक कार्यकर्ता श्रीमती विद्या चटर्जी, अन्य राजभवन अधिकारी एवं सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित थे।