सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रतिबन्ध एवं कूड़ा निस्तारण के सम्बन्ध में डीएम ने की समीक्षा बैठक
देहरादून: जिलाधिकारी सोनिका ने जनपद में सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रतिबन्ध एवं कूड़ा निस्तारण के सम्बन्ध में नगर निगम व नगर पालिका परिषदों के अधिशाय अधिकारियों, एवं सेक्टर मजिस्ट्रेट के साथ समीक्षा बैठक ली। जिसमें नोडल अधिकारियों ने वर्चुअल के माध्यम से प्रतिभाग किया। जिलाधिकारी ने सम्बन्धित अधिकारियों को मा0 उच्च न्यायालय द्वारा दिये गये निर्देशों का कडाई से अनुपालन करने के निर्देश दिये। कहा कि जनजागरूकता एवं छापामारी अभियान में किसी भी तरह कि लापरवाही ना हो इस बात को प्राथमिकता से लेना सुनिश्चित करेंगे।
जिलाधिकारी ने समस्त अधिकारियों को सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबन्धन के साथ ही छापेमारी कार्यवाही करने व विभिन्न माध्यम से वृहद स्तर पर प्रचार-प्रसार कर जन जागरूकता अभियान चलाये जाने के निर्देश दिए। उन्होंने विभिन्न स्थानों स्मार्ट सिटी द्वारा स्थापित वीएमडी बोर्ड पर सिंगल यूज प्लास्टिक की जानकारी एवं प्रतिबन्ध के सम्बन्ध में जन जागरूकता संदेश प्रसारित करने तथा जनमानस को अभियान से जोड़ते हुए सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग करने के लिए अन्य को भी प्रेरित करें। उन्होंने कूड़ा निस्तारण हेतु प्रभावी कार्यवाही करने एवं कूड़े के निस्तारण व सेग्रिगेशन हेतु स्थान चिन्हित करने की कार्यवाही तेज करने के निर्देश दिए।
इसके उपरान्त जिलाधिकारी सोनिका ने संबंधित उपजिलाधिकारियों के साथ वर्चुअल के माध्यम से बैठक ली। मा0 उच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुपाल में चिन्हित अवैध अतिक्रमण पर की गई कार्यवाही की जानकारी लेते हुए, तय समय सीमा के भीतर कार्यवाही पूर्ण करने की आवश्यक दिशा निर्देश दिए। साथ ही की गइ कार्यवाही से अवगत कराते हुए रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी झरना कमठान, नगर मजिस्ट्रेट कुश्म चौहान, पुलिस अधीक्षक क्राइम मिथिलेश, निदेशक ग्राम्य विकास अभिकरण आर सी तिवारी, जिला विकास अधिकारी सुशील मोहन डोभाल, अधि0अभि0 सिंचाई राजेश लांबा, अधि0अभि लो.नि.वि डी.सी नौटियाल, सहायक निदेशक सूचना बी.सी नेगी, सहायक नगरायुक्त एस.पी. जोशी जिला कार्यक्रम अधिकारी बाल विकास अखिलेश मिश्रा, सहित विद्युत, पेयजल निगम, जल संस्थान, समाज कल्याण, खाद्य विभाग सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे तथा समस्त उप जिलाधिकारी एवं नगर पालिका परिषदों के अधिशासी अधिकारी वर्चुअल माध्यम से जुड़े रहे।