राज्यपाल गुरमीत सिंह ने Amity University Haryana के लॉ स्कूल द्वारा आयोजित 5वें नेशनल मूट कोर्ट प्रतियोगिता में वर्चुअली प्रतिभाग किया
राजभवन देहरादून : राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने शुक्रवार को Amity University Haryana के लॉ स्कूल द्वारा आयोजित 5वें नेशनल मूट कोर्ट प्रतियोगिता में बतौर मुख्य अतिथि वर्चुअली प्रतिभाग किया। Amity University विगत 4 वर्षों से मूट कोर्ट प्रतियोगिताएं आयोजित करा रहा है। मूट कोर्ट प्रतियागिता में छात्रों को वास्तविक जीवन का अनुभव देने के लिए कोर्ट रूम पर आधारित एक उचित परिदृश्य तैयार कर कानूनों की समझ का परीक्षण करने के लिए उनसे प्रश्न पूछे जाते हैं।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा की भविष्य के एक कुशल अधिवक्ता के रूप में स्वयं को स्थापित करने लिए आयोजित यह नेशनल मूट कोर्ट प्रतियोगिता अत्यन्त सराहनीय पहल है। यह प्रतियोगिता कौशल विकास के साथ-साथ सोच, विचार, धारणा और चिन्तन में आवश्यक परिवर्तन लाने के लिए भी अत्यन्त महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
उन्होंने कहा की आज कानून और विधि का क्षेत्र, निरंतर बढ़ता जा रहा है। इसके विस्तार के साथ-साथ विशेषज्ञ जानकारों की मांग भी बढ़ती जा रही है। Career की दृष्टि से देखें तो यह क्षेत्र आकर्षक और पसंदीदा बनता जा रहा है। उन्होंने प्रतिभागी छात्र-छात्राओं से कहा की कानून और अवधारणाओं की समझ विकसित करने के लिए अपने ज्ञान का विस्तार करना होगा। इसके लिए समाज में होने वाले परिवर्तनों और स्थितियों पर गहरी समझ और जानकारी का विकास करना होगा।
राज्यपाल ने कहा की नये भारत के लक्ष्य ऊँचे और महान् हैं। हमारी प्राचीन परंमपराएं उपलब्धियों से भरी हुई हैं। हमारा सपना स्वयं को दुनियां की महाशक्ति रूप में स्थापित करना है। देश को विश्वगुरू और महाशक्ति बनने के लिए अपने विचारों और सपनों को भी वैश्विक बनाना होगा। उन्होंने कहा की मुझे विश्वास है कि सभी प्रतिभागी इस प्रतियोगिता के माध्यम से कानूनी प्रक्रिया, आचार संहिता, ड्रेस कोड का महत्व, औपचारिक भाषा आदि पर कौशल विकास करेंगे।
राज्यपाल ने कार्यक्रम से जुडे़ सभी लोगों औार विश्वविद्यालय परिवार को इस कार्यक्रम की सफलता के लिए बधाई दी। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के फाउंडर व चांसलर अशोक कुमार चौहान, कुलपति असीम चौहान, प्रो. एवं डायरेक्टर एमीटी लॉ स्कूल मेजर जनरल प्रवीण कुमार शर्मा (से.नि.) वर्चुअल रूप से उपस्थित रहे।