कर्नाटक चुनाव के नतीज से मध्यप्रदेश के दलबदलु नेताओं की बढ़ी धड़कनें
भोपाल: कर्नाटक विधानसभा चुनाव नतीजों से मध्यप्रदेश में दल-बदलू नेताओं की धडक़नें बढ़ गई हैं। कर्नाटक के मतदाताओं ने दलबदलुओं को खारिज कर दिया। वहां कांग्रेस और जेडीएस छोडक़र भाजपा में शामिल होकर चुनाव मैदान में उतरे आधे से अधिक नेताओं को हार का सामना करना पड़ा। मप्र में मार्च 2020 की राजनीतिक उथल-पथल के बाद कांग्रेस की विधायकी छोड़ भाजपा में शामिल हुए ज्यादातर नेताओं की घबराहट बढ़ गई है। इन नेताओं के सामने वोटर्स के अलावा असंतुष्ट भाजपाइयों को साधने की दोहरी चुनौती बनी हुई है। प्रदेश में सवा तीन साल पहले राजनीतिक उठा पटक के बाद केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ 22 कांग्रेस विधायकों ने अपनी सदस्यता छोडक़र भाजपा ज्वाइन कर ली थी।
बाद में कुछ और विधायकों ने भाजपा को समर्थन देने का ऐलान कर दिया। 28 सीटों पर हुए उपचुनाव में भाजपा ने 19 सीटों पर जीत दर्ज की थी। पाला बदलने वाले नौ विधायकों काके हार का सामना करना पड़ा था। अगामी चुनाव में अब उनके सामने फिर से सिायसी चुनौती बनी हुई है। इसके अलावा पांच विधायक ऐसे भी हैं जिन्होंने विधायकी छोड़े बिना ही भाजपा को समर्थन देने का ऐलान किया है। इनमें दो निर्दलीय प्रदीप जायसवाल वारासिवनी और विक्रत सिंह राणा सुसनेर हैं। भिंड से बसपा विधायक संजीव कुशवाह, बिजावर से सपा विधायक राजेश कुमार शुक्ला और बड़वाह सेे कांग्रेस विधायक सचिन बिरला को समर्थन देने की घोषण कर चुके हैं।
उपचुनाव में भी जीत बरकरार : सियासी उथल-पुथल के बाद हुए उपचुनाव में 19 नेताओं ने भाजपा के टिकट पर जीत दर्ज की थी। इनमें प्रद्मुन सिंह तोमर ग्वालियर, महेंद्र सिंह सिसौदिया बमोरी, गोविंद सिंह राजपूत सुरखी, डॉ. प्रभुराम चौधरी सांची, तुलसीराम सिलावट सांवेर, कमलेश जाटव अम्बाह, ओपीएस भदौरिया मेहगांव, रक्षा संतराम सरौनिया भांडेर, सुरेश धाकड़ पोहरी, जजपाल सिंह जज्जी अशोकनगर, बृजेन्द्र ङ्क्षसह यादव मुंगावली, बिसाहूलाल सिंह अनूपपुर, मनोज चौधरी हाट पिपल्या, राजवर्धन सिंह दत्तीगांव बदनावर, हरदीप सिंह डंग, प्रद्मुन सिंह लोधी मलहरा, सुमित्रा देवी कास्डेकर नेपानगर, नारायण पटेल मंधाता एवं सूबेदार सिंह राजौधा शामिल हैं।