Saturday, December 28, 2024
अंतर्राष्ट्रीय

भारत से कनाडा ने अपने राजनयिकों को कुआलालंपुर या सिंगापुर भेजा, समय-सीमा 10 अक्तूबर तक की थी

भारत और कनाडा के बीच खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर पैदा हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच, ओटावा ने भारत में काम कर रहे अपने अधिकांश राजनयिकों को या तो कुआलालंपुर या सिंगापुर में स्थानांतरित कर दिया है। इससे पहले भारत ने ओटावा को अपने राजयनिकों की संख्या कम करने के दस अक्तूबर की समय सीमा दी थी। एक मीडिया रिपोर्ट में शुक्रवार को यह जानकारी दी गई।

कनाडा के आरोपों को खारिज कर चुकी भारत सरकार

कनाडा के निजी स्वामित्व वाले टेलीविजन नेटवर्क सीटीवी न्यूज की यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है, जब भारत ने इस सप्ताह की शुरुआत में कनाडा को अपने मिशन से कई दर्जन राजनयिकों को वापस बुलाने के लिए कहा है। निज्जर की हत्या मं भारत की संलिप्तता के आरोपों को नई दिल्ली ने ‘बेतुका’ और (राजनीति से) ‘प्रेरित’ बताते हुए खारिज कर दिया था और कनाडा के एक शीर्ष राजनयिक को निष्कासित कर दिया था।

10 अक्तूबर तक की मिली थी समयसीमा

सीटीवी न्यूज ने सूत्रों के हवाले से कहा कि भारत सरकार ने कनाडा को अपने देश में राजनयिक कर्मचारियों की संख्या बराबर करने के लिए दस अक्तूबर तक का समय दिया था। इससे पहले रिपोर्ट्स में जानकारी दी गई थी कि भारत ने 41 राजनयिकों को कम करने को कहा है।

ग्लोबल अफेयर्स कनाडा ने क्या कहा

रिपोर्ट में कहा गया, ‘दिल्ली के बाहर भारत में काम कर रहे अधिकतर कनाडाई राजनयिकों को या तो कुआलालंपुर या सिंगापुर ले जाया गया है।’ कनाडा के राजनयिक और कांसुलर संबंधों का प्रबंधन करने वाले विभाग ग्लोबल अफेयर्स कनाडा ने पहले कहा था कि उनके कुछ राजनयिकों को विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर धमकियां मिली हैं।
प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा भारत सरकार पर आरोप लगाए जाने के कुछ दिनों बाद विभाग ने कहा, ‘इसके परिणामस्वरूप और सावधानी बरतते हुए हमने भारत में कर्मचारियों की उपस्थिति को अस्थायी रूप से समायोजित करने का फैसला किया है।’

‘कनाडाई राजनयिक भारत के आंतरिक मामलों में दखल देने में शामिल’

भारत ने बृहस्पतिवार को कहा था कि कनाडा को संख्या में समानता हासिल करने के लिए देश में अपनी राजनयिक उपस्थिति कम करनी चाहिए और आरोप लगाया कि कनाडा के कुछ राजनयिक नई दिल्ली के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने में शामिल हैं। यह निज्जर की हत्या पर दोनों देशों के बीच संबंधों में जारी गिरावट का स्पष्ट संकेत है।

कनाडाई राजनयिकों को लेकर विदेश मंत्रालय ने क्या कहा

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि परस्पर राजनयिक उपस्थिति पर पहुंचने के तौर-तरीकों पर चर्चा चल रही है और उन्होंने स्पष्ट संकेत दिया कि भारत इस मुद्दे पर अपनी स्थिति की समीक्षा नहीं करेगा। ऐसी जानकारी है कि भारत में कनाडाई राजनयिकों की संख्या 62 है और नई दिल्ली चाहती है कि ओटावा इस संख्या में कम से कम 41 की कमी करे।

यह पूछे जाने पर कि क्या कनाडा ने निज्जर की हत्या से संबंधित कोई जानकारी या सबूत भारत के साथ साझा किया है, बागची ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर की हालिया टिप्पणियों का हवाला दिया था कि यदि कोई विशिष्ट या प्रासंगिक जानकारी नई दिल्ली के साथ साझा की जाती है, तो वह उस पर विचार करने के लिए तैयार है।