#VatsalyaYojna: बेसहारा बच्चों के ‘अभिभावक’ बने CM धामी; ₹3.09 करोड़ की धनराशि लाभार्थियों के खातों में ट्रांसफर, 5100 से अधिक बच्चों को संबल
कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने डीबीटी के जरिए जारी की अक्टूबर-नवंबर की सहायता राशि। कोरोना काल में अपनों को खोने वाले बच्चों को हर माह मिल रहे ₹3000; मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना से संवर रहा भविष्य।
देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड सरकार राज्य के उन बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए निरंतर कार्य कर रही है, जिन्होंने कोरोना महामारी के दौरान अपने अभिभावकों को खो दिया था। इसी क्रम में मंगलवार को महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने ‘मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना’ के तहत लाभार्थियों को 3 करोड़ 9 लाख रुपए से अधिक की धनराशि डिजिटल माध्यम (DBT) से सीधे उनके खातों में हस्तांतरित की।
संवेदनशीलता और आर्थिक सुरक्षा का संगम
कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने कैंप कार्यालय से धनराशि जारी करने के बाद बताया कि मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना धामी सरकार की सबसे संवेदनशील और जनहितैषी योजनाओं में से एक है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 से संचालित इस योजना का उद्देश्य उन बच्चों को सम्मानजनक जीवन देना है, जिनके सिर से साया उठ गया था।
आर्थिक सहायता का विवरण:
-
अक्टूबर माह: 5177 लाभार्थियों के लिए ₹1.55 करोड़ जारी।
-
नवंबर माह: 5147 लाभार्थियों के लिए ₹1.54 करोड़ जारी।
-
सहायता राशि: प्रति बच्चा ₹3000 प्रति माह की दर से भुगतान।
21 वर्ष की आयु तक सरकार निभाएगी जिम्मेदारी
योजना की पारदर्शिता पर जोर देते हुए रेखा आर्या ने बताया कि सितंबर 2025 तक का भुगतान पहले ही सुनिश्चित किया जा चुका है। सरकार इन बच्चों की जिम्मेदारी तब तक निभाती है जब तक वे:
-
21 वर्ष की आयु पूर्ण न कर लें।
-
बालिका लाभार्थियों का विवाह न हो जाए।
-
लाभार्थी स्वयं सेवायोजित (रोजगार प्राप्त) न हो जाए।
मंत्री ने दोहराया कि मुख्यमंत्री धामी का स्पष्ट विजन है कि राज्य का कोई भी बेसहारा बच्चा स्वयं को अकेला न समझे। सरकार उनके शिक्षा, पोषण और सुरक्षित भविष्य के लिए एक कवच की तरह कार्य कर रही है।
अधिकारियों की उपस्थिति
धनराशि हस्तांतरण के इस महत्वपूर्ण अवसर पर विभागीय निदेशक बंसी लाल राणा, भाजपा नेता इंदर रावत, सीपीओ अंजना गुप्ता और डिप्टी सीपीओ राजीव नयन सहित कई विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

