Wednesday, December 17, 2025
उत्तराखंड

#SelfReliantUttarakhand: युवाओं के ‘उद्यमी’ बनने के सपनों को CM धामी ने दिए पंख; 3,848 लाभार्थियों को ₹33.22 करोड़ की सौगात, स्वरोजगार से थमेगा पलायन

“युवा अब रोजगार मांगने वाले नहीं, देने वाले बनेंगे”— मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सीधे खातों में ट्रांसफर की सब्सिडी। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना से अब तक 65 हजार युवाओं को मिला काम; भ्रष्टाचार मुक्त शासन के लिए ‘ऑनलाइन डीबीटी’ बना हथियार।

देहरादून: उत्तराखंड के युवाओं को सशक्त बनाने और राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के अपने संकल्प को दोहराते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को एक बड़ी उपलब्धि हासिल की। मुख्यमंत्री ने ‘मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना’ के तहत राज्य भर के 3,848 लाभार्थियों के बैंक खातों में 33.22 करोड़ रुपये की सहायता राशि एक क्लिक के माध्यम से ऑनलाइन ट्रांसफर की।

“रोजगार मांगने वाला नहीं, देने वाला बने युवा”

समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने एक प्रेरणादायक विजन साझा किया। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार का मुख्य लक्ष्य उत्तराखंड के युवाओं की ऊर्जा को उद्यमिता में बदलना है। हम चाहते हैं कि हमारे प्रदेश का युवा केवल रोजगार मांगने वाला न रहे, बल्कि वह स्वरोजगार अपनाकर दूसरों को रोजगार देने वाला बने।”

योजना के प्रमुख आंकड़े और प्रभाव:

  • सृजित रोजगार: योजना के माध्यम से अब तक प्रदेश में करीब 65 हजार नए रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं।

  • ऋण वितरण: अब तक 35 हजार से अधिक लाभार्थियों को कुल ₹1,389 करोड़ से ज्यादा का ऋण वितरित किया जा चुका है।

  • अनुदान (Subsidy): सरकार परियोजना लागत का 15 से 25 प्रतिशत तक अनुदान दे रही है, जिससे नए उद्यमियों पर वित्तीय बोझ कम हुआ है।

पलायन रोकने और ‘रिवर्स माइग्रेशन’ पर फोकस

मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि यह योजना केवल कागजों तक सीमित नहीं है, बल्कि धरातल पर पलायन (Migration) रोकने का सबसे बड़ा हथियार साबित हो रही है। कोविड-19 के बाद गांव लौटे प्रवासियों, स्थानीय कारीगरों और शिक्षित बेरोजगारों के लिए यह योजना एक नई उम्मीद बनकर उभरी है। विशेष रूप से विनिर्माण (Manufacturing) के लिए ₹25 लाख और सेवा क्षेत्र के लिए ₹10 लाख तक के ऋण की सुविधा युवाओं को उनके ही गांव-कस्बों में व्यापार शुरू करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है।

पारदर्शिता और भ्रष्टाचार पर चोट

मुख्यमंत्री धामी ने शासन की पारदर्शिता को रेखांकित करते हुए कहा कि सब्सिडी की राशि सीधे डीबीटी (DBT) के माध्यम से लाभार्थियों तक पहुंच रही है। इससे न केवल बिचौलियों का अंत हुआ है, बल्कि भ्रष्टाचार की हर संभावना को भी खत्म कर दिया गया है।

उन्होंने अंत में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के आह्वान को सफल बनाने के लिए उत्तराखंड की डबल इंजन सरकार हर जिले और हर युवा तक स्वरोजगार की लहर पहुँचाने के लिए प्रतिबद्ध है।