नारी शक्ति का सम्मान, धामी सरकार की प्राथमिकता: महिला आयोग की अध्यक्ष ने की मुख्यमंत्री से भेंट; सुरक्षा और सशक्तिकरण पर हुआ निर्णायक मंथन
मुख्यमंत्री आवास पर कुसुम कण्डवाल और CM धामी के बीच सार्थक संवाद। घरेलू हिंसा और साइबर अपराध के विरुद्ध ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति पर जोर; आयोग के कार्यालय को शहर के मध्य शिफ्ट करने के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री ने दिए त्वरित निर्देश।
देहरादून: उत्तराखंड में महिलाओं के अधिकारों की रक्षा और उनके सामाजिक-आर्थिक उत्थान को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार निरंतर सक्रिय है। इसी कड़ी में, उत्तराखंड राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने मुख्यमंत्री आवास पर मुख्यमंत्री से शिष्टाचार भेंट की। इस भेंट का केंद्र केवल औपचारिक मुलाकात नहीं, बल्कि प्रदेश की महिलाओं के सुरक्षित भविष्य और उनके कानूनी अधिकारों को और अधिक सुदृढ़ करने के लिए बनाई गई भावी रणनीति रही।
संवेदनशील शासन: त्वरित न्याय और सुरक्षा का संकल्प
भेंट के दौरान अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने मुख्यमंत्री को आयोग द्वारा संचालित वर्तमान गतिविधियों और भविष्य के प्रस्तावित कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने विशेष रूप से इस बात को रेखांकित किया कि सरकार और आयोग के समन्वय से राज्य में महिलाओं को त्वरित न्याय मिल रहा है।
संवाद के मुख्य बिंदु:
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अपराधों पर प्रहार: महिला उत्पीड़न, घरेलू हिंसा और बढ़ते साइबर अपराध जैसे संवेदनशील मामलों में आयोग और सरकार के प्रभावी हस्तक्षेप से पीड़ितों को मिलने वाली न्याय की प्रक्रिया में तेजी आई है।
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सामाजिक जिम्मेदारी: अध्यक्ष कण्डवाल ने कहा, “महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना केवल एक संवैधानिक दायित्व नहीं, बल्कि हमारी साझा सामाजिक जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री धामी के मार्गदर्शन में हम इसे प्राथमिकता पर रख रहे हैं।”
आयोग के कार्यालय के लिए मुख्यमंत्री का ‘त्वरित एक्शन’
महिला आयोग की कार्यप्रणाली को और अधिक सुलभ बनाने के उद्देश्य से अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव मुख्यमंत्री के सम्मुख रखा। उन्होंने आयोग के कार्यालय को देहरादून शहर के मुख्य केंद्र (मध्य क्षेत्र) में स्थापित करने का आग्रह किया, ताकि दूर-दराज से आने वाली पीड़ित महिलाओं को आयोग तक पहुँचने में सुगमता हो।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस प्रस्ताव की व्यवहारिकता को देखते हुए संबंधित अधिकारियों को तत्काल कार्यवाही के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री का यह त्वरित निर्णय दर्शाता है कि उनकी सरकार महिलाओं की समस्याओं के समाधान के लिए कितनी गंभीर है।
एक सशक्त भविष्य का विजन
मुख्यमंत्री धामी ने आयोग को महिलाओं के हित में और अधिक सुदृढ़ कार्य करने हेतु उपयोगी मार्गदर्शन प्रदान किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि ‘विकसित उत्तराखंड’ की परिकल्पना तभी साकार होगी जब राज्य की प्रत्येक महिला सुरक्षित, सम्मानित और आत्मनिर्भर होगी। इस संवाद को महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण की दिशा में एक सशक्त और निर्णायक कदम माना जा रहा है।

