Friday, December 27, 2024
राष्ट्रीय

इलाहाबाद हाईकोर्ट ‘UP बोर्ड ऑफ मदरसा एजुकेशन एक्ट 2004’ को घोषित किया असंवैधानिक

लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट (लखनऊ बेंच) ने ‘यूपी बोर्ड ऑफ मदरसा एजुकेशन एक्ट 2004’ को धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत का उल्लंघन करने वाला असंवैधानिक घोषित कर दिया है। कानून को अल्ट्रा वायर्स घोषित करते हुए जस्टिस विवेक चौधरी और जस्टिस सुभाष विद्यार्थी की खंडपीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार को योजना बनाने का भी निर्देश दिया, जिससे वर्तमान में मदरसों में पढ़ रहे छात्रों को औपचारिक शिक्षा प्रणाली में समायोजित किया जा सके।

यह फैसला राज्य सरकार द्वारा राज्य में इस्लामी शिक्षा संस्थानों का सर्वेक्षण करने के निर्णय के महीनों बाद आया। इसने विदेशों से मदरसों के धन की जांच के लिए अक्टूबर 2023 में एक एसआईटी का गठन भी किया।

हाईकोर्ट का फैसला अंशुमान सिंह राठौड़ द्वारा दायर रिट याचिका पर आया, जिसमें यूपी मदरसा बोर्ड की शक्तियों को चुनौती दी गई। साथ ही भारत सरकार और राज्य सरकार और अन्य संबंधित अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा मदरसा के प्रबंधन पर आपत्ति जताई गई।
कोर्ट ने योगी सरकार को वर्तमान में मदरसों में पढ़ रहे छात्रों की आगे की शिक्षा के लिए योजना बनाने का निर्देश दिया है।