मुख्यमंत्री धामी का अफसरों को स्पष्ट संदेश: “विकास की रफ्तार में कोई ढिलाई बर्दाश्त नहीं, जनता का सुख ही पहली प्राथमिकता”
देहरादून। शुक्रवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई राज्य स्तरीय दिशा समिति की पहली बैठक उत्तराखंड के विकास को लेकर एक स्पष्ट और कड़ा संदेश दे गई। प्रदेश की महत्वाकांक्षी योजनाओं की प्रगति पर हुए गहन मंथन के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को साफ निर्देश दिए कि योजनाओं को लागू करने में अब और तेजी लानी होगी, ताकि उनका लाभ जल्द से जल्द हर जरूरतमंद तक पहुंच सके।
विकास का लक्ष्य, पारदर्शिता और समन्वय का मंत्र
बैठक में मुख्यमंत्री का स्वर और संदेश दोनों ही स्पष्ट थे – प्रदेश को देश के अग्रणी राज्यों में शामिल करने के लक्ष्य में किसी भी तरह की सुस्ती या लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने योजनाओं के सफल संचालन के लिए तीन मूल मंत्र दिए: पारदर्शिता, जवाबदेही और विभागों के बीच आपसी तालमेल। मुख्यमंत्री ने कहा कि ये तीनों तत्व विकास की गति को तेज करने और सही मायनों में जन-जन तक लाभ पहुंचाने के लिए अनिवार्य हैं।
डिजिटल तकनीक से बदलेगी तस्वीर
तकनीक के युग में पुरानी कार्यशैली को पीछे छोड़ने पर बल देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “योजनाओं की निगरानी और सफल संचालन के लिए आधुनिक डिजिटल प्रौद्योगिकी का भरपूर इस्तेमाल करें।” उनका मानना है कि इससे न केवल सूचनाएं तेजी से उपलब्ध होंगी, बल्कि अधिकारियों की जवाबदेही भी तय होगी, जिससे काम की गति में अभूतपूर्व सुधार आएगा।
किसानों से लेकर युवाओं तक, हर चेहरे पर हो मुस्कान
बैठक का मुख्य केंद्र बिंदु आम आदमी का जीवन स्तर सुधारना रहा। मुख्यमंत्री ने विभिन्न क्षेत्रों के लिए विशेष निर्देश दिए:
किसान और ऊर्जा: प्रधानमंत्री कुसुम योजना पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने सौर ऊर्जा पंपों की स्थापना में तेजी लाने को कहा। उन्होंने इसे किसानों के लिए सिंचाई का एक सुलभ साधन और ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम बताया, जो पर्यावरण के लिए भी वरदान साबित होगा।
गांव-गांव तक सड़क: प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की समीक्षा करते हुए उन्होंने अधिकारियों से कहा कि हर बचे हुए गांव तक जल्द से जल्द सड़क पहुंचाई जाए, क्योंकि सड़कें ही किसी क्षेत्र के विकास और आर्थिक अवसरों का द्वार खोलती हैं।
शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार: इन क्षेत्रों को सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए मुख्यमंत्री ने युवाओं और महिलाओं के लिए कौशल विकास और स्वरोजगार की योजनाओं को और अधिक प्रभावी ढंग से लागू करने के निर्देश दिए, ताकि प्रदेश का हर नागरिक सशक्त और आत्मनिर्भर बन सके।
“जनता की भागीदारी सर्वोपरि”
मुख्यमंत्री ने इस बात पर विशेष जोर दिया कि कोई भी योजना सिर्फ सरकारी प्रयासों से सफल नहीं हो सकती। उन्होंने अधिकारियों से जनप्रतिनिधियों और स्थानीय लोगों से निरंतर संवाद स्थापित करने और उनकी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार की पहली और आखिरी प्राथमिकता जनता की सुविधा और उनका सुख है। इस लक्ष्य को पाने के लिए हर विभाग को पूरी जिम्मेदारी और प्रतिबद्धता से जुटना होगा।”
इस महत्वपूर्ण बैठक में कैबिनेट मंत्री श्री गणेश जोशी, राज्यसभा सांसद श्री नरेश बंसल, डॉ. कल्पना सैनी सहित कई विधायक और शासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे, जिन्होंने मुख्यमंत्री के विजन को धरातल पर उतारने का संकल्प लिया।