Thursday, December 11, 2025
उत्तराखंड

जननायक धामी का ‘बेमिसाल’ कार्यकाल: विकास, सुशासन और सशक्तिकरण की त्रिवेणी; विमर्श गोष्ठी में सीएम की नीतियों को मिला ‘निर्णायक’ समर्थन

सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय में विशेषज्ञों का मंथन: उत्तराखंड को निर्णायक और संवेदनशील सरकार के रूप में मिली पहचान। समान नागरिक संहिता, सख्त भू-कानून, और 26 हजार सरकारी नौकरियों को बताया गया सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धियां।

देहरादून/अल्मोड़ा: मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार के सफल चार वर्ष पूरे होने पर सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय में आयोजित विचार गोष्ठी केवल एक समारोह नहीं, बल्कि उत्तराखंड में आए ‘परिवर्तन’ पर एक निर्णायक विमर्श था। कुलपति प्रो. सतपाल सिंह बिष्ट की अध्यक्षता में शिक्षाविदों, उद्यमियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने एकमत से मुख्यमंत्री धामी के कार्यकाल को “बेमिसाल और निर्णायक” बताया।

मीडिया समन्वयक मदन मोहन सती द्वारा लिखित पुस्तकों, ‘नायक से जननायक’ और ‘धामी की धमक’ का विमोचन इस बात का प्रतीक था कि मुख्यमंत्री ने सिर्फ नीतियां नहीं बनाई हैं, बल्कि जन-जन में विश्वास जगाया है।

1. नीतियों की ‘धमक’: विकास और सुशासन

वक्ताओं ने जोर देकर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में सीएम धामी ने केंद्र-राज्य समन्वय का सर्वोत्तम उदाहरण प्रस्तुत किया है। सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धियाँ जो राज्य को एक मजबूत ढांचा दे रही हैं, उनमें शामिल हैं:

  • समान नागरिक संहिता (UCC) और सख्त भू-कानून: इन्हें राज्य के सांस्कृतिक और भौगोलिक संरक्षण की दिशा में ऐतिहासिक कदम बताया गया।

  • नकल विरोधी कानून: भर्ती प्रक्रियाओं में पारदर्शिता लाकर और 26 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी देकर, सरकार ने युवाओं के भविष्य की सुरक्षा सुनिश्चित की है।

  • राजस्व सुधार: खनन सुधारों के माध्यम से राजस्व प्राप्तियों में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है।

  • बढ़ता इंफ्रास्ट्रक्चर: ऋषिकेश–कर्णप्रयाग और टनकपुर–बागेश्वर जैसी प्रमुख रेल परियोजनाएँ राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ रही हैं।

2. मानवीय स्पर्श: सशक्तिकरण और सुविधा

मुख्यमंत्री की नीतियां सीधे आम जनता के जीवन को छूती हैं, जो सुशासन और सशक्तिकरण के माध्यम से परिलक्षित हुआ:

  • ई-गवर्नेंस का विस्तार: सरलीकरण–समाधान–निस्तारण की नीति ने डिजिटल सेवाओं और ई-ऑफिस प्रणाली को प्रभावी बनाकर शासन को अधिक जवाबदेह बनाया है।

  • महिला क्रांति: ‘लखपति दीदी’ योजना और स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी योजनाओं ने महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण को नई दिशा दी है, जो सामाजिक बदलाव का आधार बन रहा है।

  • शिक्षा में सुधार: मॉडल स्कूलों, स्मार्ट क्लासरूम और कौशल विकास कार्यक्रमों के माध्यम से शिक्षा की गुणवत्ता को अंतरराष्ट्रीय मानकों तक ले जाने का प्रयास किया गया है।

3. भविष्य की राह और प्रतिबद्धता

गोष्ठी में प्रतिभागियों ने रचनात्मक सुझाव भी साझा किए, जिस पर मीडिया समन्वयक मदन मोहन सती ने विश्वास दिलाया कि इन सभी सुझावों का अध्ययन कर उन्हें आगामी नीतियों में प्राथमिकता के साथ शामिल करने हेतु मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।

सभी प्रतिभागियों ने इस बात पर मुहर लगाई कि मुख्यमंत्री धामी के कुशल और संवेदनशील नेतृत्व में उत्तराखंड विकास की नई ऊँचाइयों को प्राप्त करने के लिए पूरी तरह तैयार है।