उत्तराखंड में जनहित से जुड़ी चार बड़ी चुनौतियों से निपटने के लिए सुप्रीम जंग की तैयारी में धामी सरकार
देहरादून: चार बड़ी चुनौतियों से घिरी प्रदेश की धामी सरकार अब निर्णायक जंग लड़ने जा रही है। इन चार चुनौतियों में महिलाओं और राज्य आंदोलनकारियों का क्षैतिज आरक्षण बनाए रखने, राजस्व पुलिस की व्यवस्था को बदलने और टीएचडीसी इंडिया में राज्य की हिस्सेदारी हासिल करने के लिए अब सर्वाेच्च अदालत जाने के अलावा कोई और रास्ता नहीं बचा है। हालांकि विधि मामलों के विशेषज्ञ सरकार को दूसरे विकल्प का भी सुझाव दे रहे हैं।
1. महिला आरक्षण के लिए सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी
सरकारी नौकरियों में राज्य की महिलाओं के 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण पर उच्च न्यायालय की रोक के बाद सरकार पर इसे बहाल करने का दबाव है। सभी राजनीतिक दल और सामाजिक संगठन भी सरकार से आरक्षण को बनाए रखने की मांग कर रहे हैं। सरकार ने क्षैतिज आरक्षण के लिए सुप्रीम कोर्ट जाने का निर्णय ले लिया है। विधि विभाग से इस संबंध में परामर्श ले लिया गया है और अब सरकार कभी भी सुप्रीम कोर्ट में फैसले के खिलाफ एसएलपी दायर कर सकती है।
2. राज्य आंदोलनकारियों के आरक्षण के लिए भी तैयारी
राज्य सरकार के सामने दूसरी सबसे चुनौती राज्य आंदोलनकारियों के 10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण की बहाली की चुनौती है। बेशक राज्य में आंदोलनकारियों की संख्या करीब 10 हजार है, लेकिन भावनात्मक मुद्दा होने की वजह से सरकार पर इस मांग का अलग दबाव है। यही वजह है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह ने राज्यपाल से उस विधेयक पर निर्णय लेने या उसे लौटाने का अनुरोध किया, जो क्षैतिज आरक्षण को बहाल करने के लिए लाया गया था। उच्च न्यायालय ने राज्य आंदोलनकारियों के क्षैतिज आरक्षण देने वाले शासनादेश को ही रद्द कर दिया था। अब सरकार इस मुद्दे पर भी सर्वाेच्च न्यायालय में जाने की तैयारी में है।
3. राजस्व पुलिस व्यवस्था को बदलने की तैयारी
उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में डेढ़ सौ वर्ष से भी अधिक समय से राजस्व पुलिस की व्यवस्था को बदलने की तैयारी शुरू हो गई है। अंकिता हत्याकांड के बाद राजस्व पुलिस के स्थान पर पूरे प्रदेश में नागरिक पुलिस की व्यवस्था करने की मांग उठ रही है। स्पीकर ऋतु खंडूड़ी भूषण मुख्यमंत्री धामी को इस संबंध में पत्र लिख चुकी हैं। उच्च न्यायालय ने भी सरकार से पूछा है कि राजस्व पुलिस की व्यवस्था बदलने के संबंध में सरकार ने क्या किया। 2018 में उच्च न्यायालय राजस्व पुलिस की व्यवस्था खत्म करने का निर्णय दे चुका था, लेकिन तब सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई थी। बदली परिस्थितियों में सरकार अब राजस्व पुलिस की व्यवस्था में बदलाव करने का मन बना चुकी है। इसलिए सरकार की ओर से उच्च न्यायालय के साथ ही सुप्रीम कोर्ट में भी शपथपत्र दाखिल करने की तैयारी शुरू हो गई है।
4. कोर्ट के रास्ते टीएचडीसी में हिस्सेदारी की जंग
टीएचडीसी इंडिया में राज्य की हिस्सेदारी के लिए राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में अपनी जंग को निर्णायक मुकाम पर ले जाने के लिए कमर कस चुकी है। इस मसले पर राज्य सरकार को शुरुआती कामयाबी मिली है। सचिव ऊर्जा आर. मीनाक्षी सुंदरम के मुताबिक, न्यायालय में राज्य का पक्ष मजबूत है। इसके लिए कोर्ट में मजबूत पैरवी के लिए सरकार विशेषज्ञ अधिवक्ताओं की भी मदद लेगी।