Friday, December 12, 2025
उत्तराखंड

‘विशेष बच्चों को मातृत्व देना सबसे बड़ा पुण्य’ – मंत्री रेखा आर्या ने किया दत्तक माता-पिता का सम्मान; 1098 हेल्पलाइन पोस्टर लॉन्च

देहरादून में आयोजित समारोह में कैबिनेट मंत्री ने रूढ़िवादी सोच को बताया गलत। उत्तराखंड में अब तक 185 बच्चों को मिला स्थायी घर, जिसमें 29 एनआरआई और 9 विशेष आवश्यकता वाले बच्चे शामिल; मंत्री ने संख्या बढ़ाने पर दिया जोर।

देहरादून (संस्कृति विभाग सभागार): महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने शुक्रवार को दत्तक ग्रहण माह (Adoption Month) के अवसर पर आयोजित समारोह में उन माता-पिताओं को सम्मानित किया, जिन्होंने विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को गोद लेकर मानवता की मिसाल पेश की है। उन्होंने इस कार्य को ‘सबसे बड़ा पुण्य’ करार दिया।

कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने इस अवसर पर गहन भावनात्मक जुड़ाव व्यक्त करते हुए कहा, “दुनिया में कोई भी बच्चा अनाथ न रहे, यह केवल सरकार की नहीं, बल्कि पूरे समाज की सामूहिक जिम्मेदारी है।” उन्होंने कहा कि जब कोई दंपति किसी अनाथ बच्चे को गोद लेने का विचार करता है, तो यह उन पर ईश्वर की विशेष अनुकंपा का परिणाम होता है।

रूढ़िवादी सोच पर प्रहार और संस्कार की महत्ता

मंत्री रेखा आर्या ने रूढ़िवादी सामाजिक सोच पर प्रहार करते हुए एक मानवीय दृष्टिकोण प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा, “यह सोचना कि अपना खून ही बुढ़ापे की लाठी बनेगा, एक रूढ़िवादी सोच है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि किसी भी बच्चे के लिए माता-पिता का सम्मान, खून का रिश्ता नहीं, बल्कि उन्हें दिए गए संस्कार और आत्मीयता तय करते हैं।

तथ्य और आंकड़े: उत्तराखंड में गोद लेने की स्थिति

कार्यक्रम में देश के विभिन्न राज्यों से आए दत्तक माता-पिता को मंच पर सम्मानित किया गया। इस दौरान कैबिनेट मंत्री ने चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 के विशेष पोस्टर का अनावरण भी किया, जिसका उद्देश्य संकट में फंसे बच्चों तक सहायता पहुंचाना है।

प्रमुख तथ्य (Facts and Figures):

  • कुल दत्तक ग्रहण: उत्तराखंड में अब तक कुल 185 बच्चों को दत्तक ग्रहण कराया गया है।

  • एनआरआई योगदान: इनमें से 29 बच्चों को एनआरआई (NRI) माता-पिता ने गोद लिया है।

  • विशेष बच्चे: वर्तमान में 9 विशेष आवश्यकता वाले बच्चे भी गोद लिए गए हैं, हालांकि मंत्री ने इस संख्या को बढ़ाने की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया।

मंत्री ने समाज से आह्वान किया कि वे विशेष आवश्यकता वाले बच्चों (Children with Special Needs) को गोद लेने के लिए आगे आएं, क्योंकि उन्हें अन्य बच्चों की तुलना में कहीं अधिक प्यार, देखभाल और सहारे की जरूरत होती है।

कार्यक्रम में सचिव चंद्रेश कुमार, निदेशक बंशीलाल राणा, सीपीओ अंजना गुप्ता सहित सभी जनपदों के जिला प्रोबेशन अधिकारी उपस्थित रहे, जिन्होंने दत्तक ग्रहण प्रक्रिया को सुगम बनाने में विभाग के प्रयासों पर प्रकाश डाला।