Friday, December 27, 2024
उत्तराखंड

घटनाओं के अनावरण के निर्देश, हटाए जा सकते हैं कप्तान से लेकर थाना प्रभारी

देहरादून: प्रदेश में बिगड़ रही कानून व्यवस्था के बाद मुख्यमंत्री धामी सीधा एक्शन में आ गए हैं और उन्होंने पिछले कुछ दिनों में हुई संगीन आपराधिक वारदातों के जल्द से जल्द खुलासे करने की चेतावनी दी है। साथ ही स्पष्ट कर दिया गया है कि उक्त घटनाओं में खुलासे ना होने की दिशा में सख्त कार्रवाई की जाएगी। उधर कानून व्यवस्था की कमान संभालने वाले मुखिया ने भी अपने अधीनस्थों को चेतावनी जारी की है।

उत्तराखंड की बिगड़ती कानून व्यवस्था के बाद उत्तराखंड पुलिस कटघरे में खड़ी है। पिछले कुछ दिनों में दिनदहाड़े गोलियां चलने की घटनाओं से लेकर घरों में घुसकर आपराधिक वारदातें एवं बलात्कार व लूटपाट की घटनाएं घटित हुई है। इस सब के विपरीत पुलिस अपनी एक अलग छवि सोशल मीडिया के माध्यम से बनाने में लगी रही लेकिन अपने मूल उद्देश्य एवं कर्तव्यों की पूर्ति करने में पिछड़ थी चली गई। इधर अपराधियों के हौसले बुलंद होते चले गए तो सब्र का बांध भी टूट गया। उत्तराखंड पुलिस के हाथ पैर कमजोर हुए तो बदमाशों ने दिनदहाड़े वारदात को अंजाम देना शुरू कर दिया जिसकी एक बानगी खनन कारोबारी पर गोली चलाने एवं हरिद्वार में पुलिस पर ही हमला करने की घटना के तौर पर सामने आ चुका है। निश्चित तौर पर कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी प्रदेश के डीजीपी से लेकर चौकी के उस अंतिम सिपाही तक की है जो पुलिस में अपनी सेवाएं दे रहा है। यदि एक भी चरण कमजोर साबित होता है तो सीधे तौर पर समाज में असुरक्षा एवं दहशतगर्दी पैदा होती है।

पिछले दिनों की घटना को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गंभीरता से लेते हुए और सख्त निर्देश जारी किए हैं और स्पष्ट कहा है कि इन सभी घटनाओं का जल्द से जल्द खुलासा किया जाए। वही मुख्यमंत्री के तेवरों का असर पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार पर भी हुआ है और उन्होंने अपने स्तर से उधमसिंहनगर के काशीपुर में खनन कारोबारी की हत्या, डोईवाला में हुई डकैती एवं जनपद हरिद्वार में पुलिसकर्मियों पर हुई फायरिंग के खुलासे हेतु 03 दिन का अल्टीमेटम दिया गया है।
निश्चित तौर पर उत्तराखंड पुलिस का नेतृत्व कहीं ना कहीं अपनी छाप छोड़ने में कामयाब नहीं हो पा रहा है। यही कारण है कि पिछले कुछ दिनों में ऐसी घटनाएं देखने को मिली है जो साबित करती है कि आपराधिक तत्वों में खाकी का डर नहीं रह गया है। इधर डीजीपी ने 03 दिन में उक्त घटनाओं का खुलासा न होने पर संबंधित थाना प्रभारी एवं क्षेत्राधिकारी को हटाया जाएगा। यही नहीं यदि हालात ऐसे ही रहे तो एसपी और एसएसपी भी कुर्सियों पर अधिक समय तक टिक पाएंगे इस पर भी अब संदेह नजर आ रहा है।

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