उत्तराखंड फार्मासिस्ट नियमावली जारी करने के अधिकारियों को निर्देश, स्टेट फार्मासिस्ट काउंसिल का शीघ्र होगा गठन
देहरादून: पिछले आठ वर्षों से भंग चल रही स्टेट फार्मासिस्ट काउंसिल का शीघ्र गठन किया जायेगा, इसके लिये विभागीय अधिकारियों को काउंसिल की गठन की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दे दिये गये हैं। इसके अलावा उत्तराखंड फार्मासिस्ट नियमावली को शीघ्र जारी करने के लिये भी अधिकारियों को कहा गया है। विभाग में चार धाम यात्रा एवं वीआईपी ड्यूटी के अंतर्गत पूल में रखे गये फार्मासिस्टों के 63 पदों को शीघ्र क्रियाशील किया जायेगा।
सूबे के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आज विधानसभा स्थित सभाकक्ष में डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन उत्तराखंड के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। जिसमें एसोसिएशन के विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की गई। डॉ. रावत ने बताया कि पिछले आठ वर्षों से भंग चल रही स्टेट फार्मासिस्ट काउंसिल का शीघ्र गठन किया जायेगा, इसके लिये विभागीय अधिकारियों को निर्देश दे दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि कांउसिल के गठन के उपंरात प्रदेश में फार्मेसी प्रैक्टिस रेगुलेशन 2015 का कढ़ाई से पालन किया जायेगा। शासन स्तर पर लम्बित उत्तराखंड फार्मासिस्ट नियमावली को जारी करने के लिये विभागीय अधिकारियों को मौके पर ही निर्देश दे दिये गये हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि संगठन की मांग पर चार धाम यात्रा एवं वीआईपी ड्यूटी के अंतर्गत पूल में रखे गये फार्मासिस्ट एवं चीफ फार्मासिस्ट के 63 पदों को शीघ्र क्रियाशील किया जायेगा। बैठक में फार्मासिस्ट एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने स्वास्थ्य मंत्री के समक्ष फार्मासिस्ट का नाम परर्वित करते हुये फार्मेसी अधिकारी करने, चिकित्सा शिक्षा विभाग में फार्मासिस्टों के रिक्त 119 पदों के सापेक्ष स्वास्थ्य विभाग से विकल्प के आधार पर भरने, बड़े चिकित्सालयों में कार्य के आधार पर फार्मासिस्टों के पद बढ़ाने, फार्मासिस्ट संवर्ग की वरिष्ठता सूची जारी करने, उत्तर प्रदेश की तर्ज पर पोस्टर्माटम भत्ता दिये जाने सहित एक दर्जन मांग रखी। जिस पर विभागीय मंत्री ने अपनी सहमति जताते हुये स्वास्थ्य महानिदेशक को सभी मांगों पर प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजने के निर्देश दिये।