Friday, December 27, 2024
उत्तराखंड

मानसी नेगी ने छोड़ी खेल कोटे से नौकरी मिलने की आस, रेलवे में दिया ट्रायल

गोपेश्वर: पहाड़ की पथरीली पगडंडियों पर दौड़ते हुए मानसी नेगी प्रदेश का नाम रोशन कर रही है। अब मानसी ने अपने भविष्य के बारे में भी सोचना शुरू कर दिया है। प्रदेश में खेल कोटे से नौकरी मिलने की आस खत्म होने पर मानसी ने रेलवे में नौकरी के लिए ट्रायल दिया है। मानसी की प्रतिभा को देखते हुए उसके चयन होने की काफी संभावनाएं हैं यदि रेलवे में नौकरी मिल जाती है तो प्रदेश से एक स्वर्णिम प्रतिभा पलायन कर जाएगी। चमोली जिले के दशोली विकासखंड के मजोठी गांव निवासी मानसी नेगी ने जब से दौड़ना शुरू किया तो स्वर्ण पदक से कम कुछ हासिल नहीं किया। गरीब परिवार से निकली मानसी ने विषम परिस्थितियों में भी अपने खेल को न सिर्फ जारी रखा बल्कि हर स्तर पर अपने कोच, परिवार और समर्थकों की उम्मीदों पर खरी उतरी लेकिन प्रदेश सरकार में इस प्रतिभा के लिए कोई नौकरी नहीं है। जिससे अब उसने नौकरी के लिए रेलवे में आवेदन किया है।

कुछ समय पहले उसने रेलवे के लिए ट्रायल भी दे दिया है। प्रतिभावान मानसी के इसमें चयन होने की काफी उम्मीद है। वह सफल हो जाती है तो उसे नौकरी के लिए जाना पड़ेगा। हालांकि मानसी बताती हैं कि वह प्रदेश में रहकर अपने खेल को जारी रखना चाहती है लेकिन पारिवारिक की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। अकेली मां कब तक सबकुछ करती रहेगी। नौकरी मिलने पर परिवार को मदद कर सकेगी और अपने खेल को भी जारी रख सकेगी। मानसी नेगी ग्रामीण परिवेश के परिवार से आती है। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। ऐसे में उसके लिए खेलों में घर से बाहर निकलना आसान नहीं था। मानसी ने बताया कि घर में काफी बहाने बनाकर अभ्यास के लिए आती थी।

घर से बाहर जाने पर परिवार वाले चिंतित हो जाते थे, लेकिन उसने परिवार को विश्वास में लिया। स्कूल स्तर से फर्राटा दौड़ सहित अन्य प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग किया। ग्रामीण परिवेश से निकली मानसी नेगी भले ही इस समय राष्ट्रीय फलक पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रही है लेकिन हर परिवार की इच्छा यही रहती है कि उनके बच्चे बेहतर नौकरी में जाएं। अपने जीवन के स्वर्णिम पलों को जब बेहतर नौकरी या कोर्स की तैयारी की जाती है उसे खेलों में लगा दिया जाए और फिर खाली हाथ घर लौटेंगे तो आने वाले खिलाड़ियों को कैसे प्रोत्साहन मिलेगा। लोग अपने बच्चों को खेलों में भेजने के बजाय कोचिंग सेंटर या बेहतर पढ़ाई के लिए भेजने को प्राथमिकता देंगे, जिससे उन्हें कम से कम अच्छा रोजगार तो मिल जाए।

शासन स्तर पर प्रतिभावान खिलाड़ियों के लिए नौकरी देने के लिए आउट आफ टर्न नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जल्द इस मामले में शासनादेश जारी हो सकता है। जिसमें खिलाड़ियों को उनकी प्रतिभा के अनुसार रोजगार से जोड़ा जाएगा। मानसी की मां शकुंतला देवी ने बताया कि खेती-बाड़ी और दूध, घी बेचकर परिवार का खर्च चल रहा है। उन्होंने बताया कि मानसी कब तक दौड़ती रहेगी। सरकार को नौकरी दे देनी चाहिए। नौकरी मिल जाए तो उसका भविष्य अच्छा हो जाएगा। उत्तराखंड में खेल कोटा हुआ करता था लेकिन पिछले करीब दस सालों से इस पर फिलहाल रोक लगी है। चमोली जिले के ही मनीष रावत सबसे बेहतर उदाहरण हैं जिनको खेल कोटे के तहत पुलिस में भर्ती होने का अवसर मिला था।

मानसी की तरह ही मनीष ने भी राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वॉक रेस में प्रतिभाग किया और गोल्ड मेडल जीते। अच्छा समर्थन मिलने पर वह ओलंपिक तक पहुंचे और बेहतर प्रदर्शन किया। आज भी वह अपनी तैयारी में लगे हुए हैं।मानसी नेगी ने अभी तक छह राष्ट्रीय सहित कुल आठ स्वर्ण पदक जीते हैं। इसके अलावा 2021 में विश्व चैंपियनशिप कोलंबिया में भी प्रतिभाग किया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *