#OneVoterOneVote: उत्तराखंड के 90 हजार मतदाताओं के लिए ‘बड़े फैसले’ की घड़ी; स्वच्छ मतदाता सूची से CM धामी के ‘सशक्त लोकतंत्र’ संकल्प को मिलेगी मजबूती
एसआईआर (SIR) से पहले सेना और अर्द्धसैनिक बलों के जवानों को चुनना होगा एक विकल्प— ‘सर्विस वोटर’ या ‘सामान्य वोटर’। दो जगह नाम होने पर होगी कानूनी कार्रवाई; चुनाव आयोग ने Form-7 के जरिए नाम सुधारने की दी अंतिम मोहलत।
देहरादून: उत्तराखंड की देवभूमि में चुनावी प्रक्रियाओं को और अधिक पारदर्शी और त्रुटिहीन बनाने की दिशा में निर्वाचन आयोग ने एक बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के ‘भ्रष्टाचार मुक्त और पारदर्शी सुशासन’ के विजन के अनुरूप, राज्य के लगभग 90 हजार मतदाताओं को अब एक महत्वपूर्ण फैसला लेना होगा। विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) से पहले, इन मतदाताओं को यह तय करना होगा कि वे मतदाता सूची में अपनी पहचान ‘सर्विस वोटर’ के रूप में रखना चाहते हैं या अपने मूल निवास के ‘सामान्य मतदाता’ के रूप में।
जवानों और प्रवासियों के लिए अहम विकल्प
उत्तराखंड सैनिक बाहुल्य प्रदेश है, जहाँ का लगभग हर परिवार सेना से जुड़ा है। राज्य में कुल 89,812 सर्विस मतदाता पंजीकृत हैं, जिनमें 87,103 पुरुष और 2,709 महिला योद्धा शामिल हैं।
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अनिवार्यता: ऐसे मतदाता जो सेना या अर्द्धसैनिक बलों में हैं, उन्हें किसी एक सूची में ही नाम रखना होगा।
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सामान्य मतदाता: जिन नागरिकों के नाम एक से अधिक विधानसभा क्षेत्रों या राज्यों की सूची में दर्ज हैं, उन्हें भी तत्काल अपना नाम एक स्थान से कटवाना होगा।
कैसे करें सुधार? (डिजिटल समाधान)
निर्वाचन कार्यालय ने इस प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं:
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गांव/शहर का वोट हटाने के लिए: चुनाव आयोग की आधिकारिक वेबसाइट voters.eci.gov.in पर जाकर फॉर्म-7 भरें।
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सर्विस वोटर सूची से नाम हटाने के लिए: सर्विस वोटर पोर्टल svp.eci.gov.in का उपयोग करें।
कानूनी कार्रवाई की चेतावनी और भ्रम का निवारण
अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. विजय कुमार जोगदंडे ने स्पष्ट किया कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत एक से अधिक स्थानों पर वोट रखना दंडनीय अपराध है। इसके साथ ही उन्होंने मतदाताओं का एक बड़ा भ्रम भी दूर किया:
“यह प्रक्रिया केवल लोकसभा और विधानसभा चुनाव (ECI) की मतदाता सूची के लिए है। इसका पंचायत या नगर निकाय चुनाव (राज्य निर्वाचन आयोग) की सूची से कोई संबंध नहीं है। अतः मतदाता निर्भीक होकर नियमों का पालन करें।”
आंकड़ों में उत्तराखंड की मतदाता शक्ति (जनवरी 2025 तक):
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कुल मतदाता: 84,29,459
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पुरुष: 43,64,667 | महिला: 40,64,488
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थर्ड जेंडर: 304
मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में राज्य प्रशासन यह सुनिश्चित कर रहा है कि ‘एक राष्ट्र, एक पहचान’ के सिद्धांत पर चलते हुए उत्तराखंड की मतदाता सूची पूरी तरह शुद्ध हो, ताकि आने वाले समय में लोकतंत्र की नींव और अधिक सुदृढ़ हो सके।

