Tuesday, September 17, 2024
उत्तराखंडक्राइम

माता-पिता माता-पिता डांटते थे लिहाजा बना लिया घर छोड़ने का मन, सूचना मिलने के महज 3 घंटे बाद पुलिस ने बरामद की छात्राएं

देहरादून: कोतवाली डालनवाला क्षेत्र के अंतर्गत राजपुर रोड पर स्थित एक प्राइवेट स्कूल के कक्षा 5 में पढ़ने वाली दो बच्चियों जिनकी उम्र क्रमशः 10 साल और 12 साल थी, आज दिन में छुट्टी के बाद जब अपने घर नहीं पहुंची तो उनके परिजनों ने स्कूल पहुंचकर ढूंढ खोज की। जहाँ उन्हें पता चला कि दोनों बच्चे छुट्टी के बाद घर जा चुके थे। परिजनों के द्वारा पुलिस को सूचित करने पर पुलिस द्वारा तत्काल पहुंचकर स्कूल के आसपास के कैमरे चेक किए गए।

कैमरा में पाया गया कि दोनों बच्चे अकेले तेजी से बाहर की तरफ निकले हैं। पुलिस द्वारा तलाश हेतु तत्काल बच्चों के फोटोग्राफ और हुलिया थाना ग्रुप और अन्य सोशल मीडिया के माध्यमों से प्रसारित किए गए और परिजनों की सहायता से स्कूल बंद होने के करीब 3 घंटे बाद दोनों बच्चियों को धर्मपुर नेहरू कॉलोनी से सुरक्षित बरामद कर लिया गया। दोनों बरामद बच्चियों के द्वारा अपने स्कूल की यूनिफॉर्म बदल कर प्राइवेट कपडे पहन लिए गए थे, ताकि कोई उन्हें पहचान ना ले। इसके लिए दोनों ने पहले दिन से ही योजना बनाकर घर से चलते समय स्कूल बैग में काफ़ी प्राइवेट कपड़े और जूते सैंडिल आदि रख लिए थे। स्कूल की छुट्टी के बाद परेड ग्राउंड के निकट सुलभ शौचालय के अंदर जाकर दोनों ने अपने कपड़े बदल लिए थे। पुलिस द्वारा दोनों बच्चियों को विश्वास में लेकर जब पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया कि उनके परिजन उन्हें मारते पीटते हैं, जिस कारण से दोनों ने घर छोड़कर हरिद्वार जाकर रहने का का विचार बनाया था। इसीलिए घर से ही काफी प्राइवेट कपड़े व अन्य सामान भी लेकर आए थे। पुलिस द्वारा प्रभारी बाल थाना की महिला उप निरीक्षक के माध्यम से दोनों बच्चों की काउंसलिंग की गई और उनके मां-बाप को भी समझाया गया।

डालनवाला पुलिस द्वारा स्कूल के प्रधानाचार्य और प्रबंधन को बुलाकर उनसे भी इस सम्बन्ध में स्पष्टीकरण लिया गया कि किन कारणों से छुट्टी के बाद छोटी बच्चियों को उनके परिजनों के सुपुर्द ना करते हुए स्कूल से स्वयं जाने दिया गया। उनके द्वारा बताया गया कि दोनों बच्चियां स्कूल के गार्ड को चकमा देकर शेष बच्चों के साथ चुपचाप स्कूल के गेट से बाहर निकल गई थी। इस संबंध में पुलिस द्वारा विद्यालय प्रबंधन को भी नोटिस दिया जा रहा है। साथ ही विद्यालय के माध्यम से सभी अभिभावकों की मीटिंग बुलाकर उन्हें बच्चों के प्रति जागरूक रहने को बताया जा रहा है। बच्चे स्कूल जाने के दौरान अपने बैग में क्या लेकर जा रहे हैं, मां-बाप को इस संबंध में भी जागरूक रहने के लिए अवगत कराये जाने को प्रबंधन को निर्देशित किया गया है।

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