#SashaktUttarakhand: मेधावी अल्पसंख्यक छात्रों के ‘सारथी’ बने CM धामी; शिक्षा और स्वरोजगार के लिए खोला खजाना, UCC पर महिलाओं ने जताया आभार
विश्व अल्पसंख्यक अधिकार दिवस पर हिमालयन सांस्कृतिक केंद्र में बड़ा आयोजन। नया अल्पसंख्यक शिक्षा कानून और ₹4 करोड़ की विकास निधि से बदलेगी तस्वीर; मदरसों में अब धार्मिक शिक्षा के साथ चलेगा उत्तराखंड बोर्ड का पाठ्यक्रम।
देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को देहरादून के हिमालयन सांस्कृतिक केंद्र में ‘विश्व अल्पसंख्यक अधिकार दिवस’ के अवसर पर आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में शिरकत की। मुख्यमंत्री ने न केवल अल्पसंख्यक समुदाय के मेधावी छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया, बल्कि उनके आर्थिक और शैक्षिक उत्थान के लिए ठोस विकास की रूपरेखा भी प्रस्तुत की।
कार्यक्रम का सबसे भावुक क्षण वह था जब बड़ी संख्या में उपस्थित मुस्लिम महिलाओं ने मुख्यमंत्री को ‘भाई’ के रूप में संबोधित करते हुए समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने के लिए उनका आभार व्यक्त किया। महिलाओं ने कहा कि यह कानून उनके अधिकारों की रक्षा का सबसे बड़ा हथियार बना है।
आधुनिक शिक्षा और ‘हुनर’ को बढ़ावा
मुख्यमंत्री धामी ने घोषणा की कि अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए राज्य में नया अल्पसंख्यक शिक्षा कानून लागू किया गया है।
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मदरसा आधुनिकीकरण: अब सभी मदरसों और अल्पसंख्यक विद्यालयों में धार्मिक शिक्षा के साथ-साथ उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा बोर्ड का पाठ्यक्रम भी अनिवार्य रूप से पढ़ाया जाएगा, ताकि छात्र आधुनिक ज्ञान-विज्ञान में पिछड़ें नहीं।
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प्रोत्साहन राशि: प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए ‘मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक प्रोत्साहन योजना’ के तहत छात्र-छात्राओं को आर्थिक सहायता दी जा रही है।
आर्थिक सशक्तिकरण: स्वरोजगार की नई राह
राज्य सरकार ने अल्पसंख्यकों के आर्थिक विकास के लिए खजाना खोल दिया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि:
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अल्पसंख्यक विकास निधि: प्रतिवर्ष ₹4 करोड़ की धनराशि अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के लिए उपलब्ध कराई जा रही है।
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सब्सिडी और ऋण: स्वरोजगार योजना के तहत 10 लाख रुपये तक के ऋण पर 25 प्रतिशत की भारी सब्सिडी और शिक्षा के लिए 5 लाख रुपये तक का ब्याजमुक्त ऋण दिया जा रहा है।
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रोजगार के अवसर: ‘मुख्यमंत्री हुनर योजना’ के माध्यम से युवाओं को सीधे कौशल विकास और रोजगार से जोड़ा जा रहा है।
‘सबका साथ, सबका विकास’ और संवैधानिक न्याय
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन को दोहराते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार तुष्टीकरण नहीं, बल्कि सशक्तिकरण में विश्वास रखती है। उन्होंने धर्मांतरण विरोधी कानून और वक्फ सुधारों का उल्लेख करते हुए कहा कि इनका उद्देश्य समाज के सबसे गरीब और जरूरतमंद व्यक्ति तक लाभ पहुँचाना और सामाजिक सौहार्द बनाए रखना है।
“भारत की संस्कृति ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की है। हम सबको साथ लेकर चलने की परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं, जहाँ हर समुदाय का सम्मान और अधिकार सुरक्षित है।” — पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने अल्पसंख्यकों से वैश्विक स्तर पर हो रहे भेदभाव के खिलाफ डिजिटल माध्यम से आवाज उठाने का आह्वान भी किया। इस अवसर पर वक्फ बोर्ड अध्यक्ष शादाब शम्स, अल्पसंख्यक आयोग की उपाध्यक्ष फरजाना बेगम सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

