एसआईटी प्रभारी पी रेणुका देवी से लगी है पूरे प्रदेश की उम्मीद एसआईटी की जांच लगभग पूरी, जल्द होगा ट्रायल शुरू
देहरादून: देवभूमि में घटित हुआ अंकिता हत्याकांड पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। पूरी घटना का ताना-बना
रोजगार की तलाश में आई एक लड़की को जबरन अनैतिक कार्यों में लगाने से जुड़ा हुआ है, जिसका विरोध करने पर उसे मौत के घाट उतार दिया गया। घटना के पीछे राजनीतिक रसूख रखने वालों का हाथ होने की पुष्टि हो चुकी है।
घटना के सामने आने के बाद रसूख वालों की पुरानी हरकतें भी खुलकर सामने आई है, यानी कि साफ है कि जो कुछ भी हुआ वह यकायक नहीं था बल्कि आरोपी आपराधिक प्रवृत्ति के मंसूबे पाले हुए आ रहे थे। बस उन्हें पसंद नहीं था तो उनकी कहीं बात को इनकार करना। रिजॉर्ट्स में काम करने के लिए आई 19 साल की अंकिता को अपनी जान गवानी क्योंकि वह मालिकों के कहने पर नहीं चल रही थी और रिजॉर्ट्स में आने वाले कुछ वीआईपी को उनकी मर्जी के अनुसार सेवा प्रदान नहीं कर रही थी। सारा घटनाक्रम खुलकर सामने आया तो पूरा उत्तराखंड सकते में आ गया।
पुलिस ने हालांकि तीनों आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है लेकिन अब जरूरत है एक ठोस विवेचना की ताकि आरोपी सस्ते में ना छूट पाएं। सबूतों एवं साक्ष्य को लेकर काफी चर्चाएं उठ रही हैं लेकिन जांच अब एसआईटी को सौंपी गई है जिसकी कमान खुद एक महिला के कंधों पर है। इन परिस्थितियों में उम्मीद की जा सकती है कि अंकिता के परिवार को एक महिला पुलिस अधिकारी के नेतृत्व में निश्चित तौर पर न्याय मिलेगा। इस पूरे प्रकरण में रिजॉर्ट्स एवं घटनास्थल से जुटाए गए साक्ष्य बेहद महत्वपूर्ण है, हालांकि रिसर्ट में बुलडोजर चलाए जाने के बाद सबूतों को लेकर सवाल भी उठ रहे हैं लेकिन पुलिस अधिकारी पहले ही दावा कर चुके हैं कि सबूत सुरक्षित लिए जा चुके थे। इस पूरे मामले की जांच आने वाले समय में एक नजीर बन सकती है यदि एसआईटी आरोपियों को उनके अंजाम तक पहुंचाने में सफल साबित होती है।
ठोस सबूतों पर की जा रही जांच का परिणाम आम लोगों में यह विश्वास जगाने का भी काम करेगा कि रसूख होने के बावजूद भी एक आम व्यक्ति को न्याय मिल सकता है।