अमेरिकी संसद में उठा अरुणाचल प्रदेश का मुद्दा, बताया भारत का अभिन्न अंग; चीन को फटकार
वाशिंगटन: भारत के समर्थन में अमेरिका के तीन शक्तिशाली सीनेटरों ने सीनेट में एक प्रस्ताव पेश किया है। प्रस्ताव में अरुणाचल प्रदेश को भारत का अभिन्न अंग बताते हुए, भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का समर्थन किया गया है जिसको लेकर चीन का तिलमिलाना तय माना जा रहा है। इसके साथ ही इसमें चीन के द्वारा वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की स्थिति को बदलने के लिए सेना के प्रयोग की भी निंदा की गई है। इस प्रस्ताव में चीनी हमलों से बचने के लिए उठाए गए कदमों के लिए भारत सरकार की सराहना की गई है।
आपको बता दें कि चीन लगातार इस सीमावर्ती राज्य पर दावा करता रहा है। यहां कई बार दोनों देशों की सेनाओं के बीच झड़प की भी खबरें सामने आ चुकी है। संयुक्त राज्य अमेरिका के दो सीनेटरों ने यह प्रस्ताव पेश किया है, जिसमें अमेरिका द्वारा अरुणाचल प्रदेश को भारत के अभिन्न अंग के रूप में मान्यता देने की पुष्टि करने की मांग की गई है। अमेरिकी सीनेटर जेफ मर्कले ने बिल हैगर्टी के साथ मिलकर यह प्रस्ताव पेश किया है।
मार्कले ओरेगॉन से एक प्रगतिशील डेमोक्रेटिक सीनेटर हैं, जो चीन पर अमेरिकी संसद के कार्यकारी आयोग के सह-अध्यक्ष के रूप में भी काम करते हैं। हैगर्टी जापान में अमेरिका के पूर्व राजदूत रहे हैं। दोनों सांसद अमेरिकी संसद की विदेश संबंध समिति (एसएफआरसी) के सदस्य हैं। अमेरिकी संसद में पेश किए गए प्रस्ताव का प्रस्ताव का शीर्षक- अरुणाचल प्रदेश को भारत का अभिन्न हिस्सा बताना और दक्षिण एशिया में पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के उकसावों की निंदा करना दिया गया है। इसे एसएफआरसी को भेजा गया है।
अगर अध्यक्ष बॉब मेनेंडेज इसपर आपत्ति नहीं जताते हैं और यह समिति के माध्यम से जाता है तो कानून के रूप में संसद के पटल पर पेश किया जा सकता है। हालांकि, संकल्प की प्रस्तावना अपने आप में कई कारणों से एक शक्तिशाली प्रतीकात्मक संदेश है। अमेरिकी सरकार आधिकारिक तौर पर अरुणाचल को भारत के एक हिस्से के रूप में मान्यता देती है।