उत्तराखंड बना गणितीय अनुसंधान का ग्लोबल हब: यूकॉस्ट–एनबीएचएम की पहल पर ‘सेवेरल कॉम्प्लेक्स वैरिएबल्स’ पर 5 दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला शुरू
जापान, इटली और आयरलैंड के विशेषज्ञ दे रहे व्याख्यान। कार्यशाला ज्यामिति और गणितीय भौतिकी से जुड़े अत्यंत महत्वपूर्ण आधुनिक क्षेत्र पर केंद्रित; देहरादून को उन्नत वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में बड़ा कदम।
देहरादून: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून आज से अत्यंत उन्नत वैज्ञानिक अनुसंधान का केंद्र बन गई है। उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकॉस्ट) और नेशनल बोर्ड फॉर हायर मैथमेटिक्स (एनबीएचएम, पुणे) के संयुक्त तत्वाधान में पाँच दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला “सेवेरल कॉम्प्लेक्स वैरिएबल्स” का भव्य शुभारंभ हुआ। यह आयोजन गणितीय विश्लेषण के एक जटिल, महत्वपूर्ण और आधुनिक क्षेत्र पर केंद्रित है, जिसमें देश-विदेश के प्रतिष्ठित विशेषज्ञ और युवा शोधार्थी भाग ले रहे हैं।
ज्यामिति और भौतिकी से गहरा संबंध
कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में यूकॉस्ट के महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पंत ने इस विषय के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि “सेवेरल कॉम्प्लेक्स वैरिएबल्स” (Several Complex Variables) का गहरा संबंध ज्यामिति, आंशिक अवकल समीकरणों तथा गणितीय भौतिकी से है।
प्रो. पंत ने विश्वास व्यक्त किया कि यह अंतरराष्ट्रीय मंच अग्रणी शोधकर्ताओं और युवा वैज्ञानिकों के बीच अकादमिक संवाद, ज्ञान-विनिमय और शोध सहयोग को सशक्त करेगा।
वैश्विक विशेषज्ञों का मिनी-कोर्स
कार्यशाला के प्रथम दिवस ही अंतरराष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञ युवा शोधार्थियों को मार्गदर्शन देने के लिए जुटे:
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प्रो. केंगो हिराची (यूनिवर्सिटी ऑफ टोक्यो, जापान)
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प्रो. मार्को अबाते (यूनिवर्सिटी ऑफ पीसा, इटली)
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प्रो. कौशल वर्मा (आईआईएससी, बेंगलुरु)
इन्होंने मिनी-कोर्स के अंतर्गत विशेष व्याख्यान दिए। इसके अतिरिक्त जापान, आयरलैंड और तुर्किये के विशेषज्ञ भी इस ज्ञान मंथन में सहभागिता कर रहे हैं।
शोध सहयोग और अकादमिक नेटवर्किंग
कार्यशाला के आयोजन सचिव डॉ. राजेंद्र सिंह राणा ने बताया कि इस आयोजन में 7 आईआईटी, 5 आईआईएसईआर सहित देश-विदेश के प्रतिष्ठित संस्थानों से 60 से अधिक प्रतिभागी सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं।
यह अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला न केवल युवा शोधकर्ताओं को नई दिशा प्रदान करेगी, बल्कि देहरादून को उन्नत वैज्ञानिक अनुसंधान के एक प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में यूकॉस्ट की प्रतिबद्धता को भी सुदृढ़ करेगी।

