Friday, December 27, 2024
राजनीती

अध्यक्ष बनने के बाद क्यों तीसरी बार छत्तीसगढ़ पहुंचे खरगे? जानने के लिए पढ़िए पूरी ख़बर

छत्तीसगढ़ में साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए राज्य में नेताओं के दौरे बढ़ गए है। कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे इस समय छत्तीसगढ़ के दौरे पर हैं। वे गुरुवार शाम को रायपुर एयरपोर्ट पहुंचे, जहां उनका भव्य स्वागत हुआ। शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष खरगे राजनांदगांव में होने वाले भूपेश सरकार के ‘भरोसे का सम्मेलन’ में शामिल होंगे।

पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद खरगे का यह तीसरा छत्तीसगढ़ दौरा है। इससे पहले उनकी सभा जांजगीर जिले में आयोजित की गई थी। यहां भी वे भरोसे का सम्मेलन में शामिल हुए थे। अब वे शुक्रवार को भाजपा के कद्दावर नेता और पूर्व सीएम रमन सिंह के गढ़ में पहुंच रहे हैं। रमन के क्षेत्र में चुनाव से पहले कांग्रेस का यह पहला शक्ति प्रदर्शन है।

राजनांदगांव के सोमनी से लगे ग्राम ठेकवा में कांग्रेस अध्यक्ष के साथ सीएम भूपेश बघेल और पार्टी के कई दिग्गज एक साथ दिखाई देंगे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का कहना है कि, राजनांदगांव के सम्मेलन में राष्ट्रीय अध्यक्ष शामिल होंगे। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष की कमान संभालने के बाद खरगे का यह तीसरा छत्तीसगढ़ दौरा है। इससे पहले खरगे कांग्रेस के राष्ट्रीय सम्मेलन में फरवरी में रायपुर आए थे और चुनावी सभा को संबोधित किया था। पिछले महीने खरगे की जांजगीर-चांपा में सभा हुई थी।

आखिर कांग्रेस के लिए जरूरी है राजनांदगांव

छत्तीसगढ़ में राजनांदगांव जिला प्रदेश की संस्कारधानी के नाम से जाना जाता है। इस जिले में कुल 4 विधानसभा सीटें हैं। राजनांदगांव प्रदेश की हॉट सीटों में से एक है क्योंकि ये सीट छत्तीसगढ़ में 15 सालों तक मुख्यमंत्री रहे रमन सिंह की विधायकी वाली रही है। वर्ष 2008 से लेकर अब तक पूर्व मुख्यमंत्री ही इस सीट से जीतते आए हैं। जबकि उनके बेटे अभिषेक सिंह यहां से लोकसभा सांसद भी रह चुके हैं।

प्रदेश के राजनीतिक जानकारों का कहना है कि, जिले की चार विधानसभा सीटों में एक सीट केलव राजनांदगांव ही भाजपा के पास है। जबकि डोंगरगढ़, डोंगरगांव और खुज्जी विधानसभा सीटों पर कांग्रेस पार्टी का कब्जा है। डोंगरगढ़ सीट अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित है। मल्लिकार्जुन खरगे पार्टी का सबसे बड़ा दलित चेहरा हैं। इसलिए डोंगरगढ़ विधानसभा के मतदाताओं में इसका असर होगा। डोंगरगढ़ में इस समय भुनेश्वर बघेल विधायक हैं, जो कांग्रेस पार्टी से ही है। डोंगरगांव से दलेश्वर साहू और खुज्जी से विधायक छन्नी साहू है। पिछले चुनाव में यहां रमन सिंह के सामने अटल बिहारी वाजपेयी की भतीजी करुणा शुक्ला थीं। जिन्होंने रमन सिंह को कड़ी टक्कर दी थी। पूर्व मुख्यमंत्री महज 17 हजार वोटों से ही जीत पाए थे। ऐसे में इस बार रमन के गढ़ में सेंध लगाने की पूरी कोशिश कांग्रेस करेगी।

राजनांदगांव में होने वाले इस सम्मेलन में पार्टी के केंद्रीय नेताओं के साथ ही छत्तीसगढ़ का पूरा मंत्रिमंडल जुटेगा। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव एवं छत्तीसगढ़ प्रभारी कुमारी सैलजा, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज, छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डा. चरणदास महंत, उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव, सप्तगिरीशंकर उल्का, विजय जांगिड विशेष रूप से शामिल होंगे।

इससे पहले जांजगीर में हुई थी सभा

इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष की सभा जांजगीर जिले में आयोजित की गई थी। यहां भरोसे का सम्मेलन में शामिल हुए थे। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष की सभा अनुसूचित जाति वर्ग बहुल जांजगीर-चांपा जिले की सीटों को ध्यान में रखकर कराई गई थी। राजनांदगांव में भी डोंगरगढ़ एससी सीट है। अन्य विधानसभा क्षेत्रों में भी एससी वर्ग का प्रभाव देखने को मिलता है। इसलिए जांजगीर के बाद अब राजनांदगांव में मल्लिकार्जुन खरगे आ रहे हैं।

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