#WinterAlert: “शीतलहर में कोई न रहे बेसहारा”—CM धामी के निर्देश पर मुख्य सचिव ने कसी कमर; बर्फबारी से पहले राशन, दवा और ईंधन का होगा एडवांस स्टॉक
प्रदेश में ‘कोल्ड वेव एक्शन प्लान’ लागू: सार्वजनिक स्थलों पर जलेंगे अलाव, रैनबसेरों में मिलेगी गर्माहट। दूरस्थ क्षेत्रों में मार्च तक खाद्य आपूर्ति सुनिश्चित करने और बंद सड़कों को तत्काल खोलने के लिए मिशन मोड में काम शुरू।
देहरादून: उत्तराखंड में आगामी शीतलहर और संभावित भारी बर्फबारी को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के “सुरक्षा प्रथम” के विजन के अनुरूप प्रशासन ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। मंगलवार को मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सभी जिलाधिकारियों (DMs) के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की। मुख्य सचिव ने स्पष्ट किया कि शीतकाल में प्रदेश के हर नागरिक, विशेषकर दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वाले लोगों और पर्यटकों की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
मानवीय संवेदना: अलाव से लेकर रैनबसेरों तक की व्यवस्था
बैठक में मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि कोई भी व्यक्ति खुले में ठंड से प्रभावित न हो, इसके लिए संवेदनशील रुख अपनाया जाए:
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रैनबसेरे और कंबल: सभी जनपदों में पर्याप्त अस्थायी रैनबसेरों की व्यवस्था की जाए और पात्रों को समय पर कंबलों का वितरण सुनिश्चित हो। इसके लिए हर जिले में पृथक नोडल अधिकारी तैनात रहेंगे।
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सार्वजनिक अलाव: शहरों के व्यस्त चौराहों और पाला-ग्रस्त क्षेत्रों में नियमित अलाव जलाने की व्यवस्था की जाएगी।
दुर्गम क्षेत्रों के लिए मार्च तक का ‘सुरक्षा कवच’
मुख्यमंत्री धामी के निर्देशों का पालन करते हुए मुख्य सचिव ने बर्फबारी से प्रभावित होने वाले इलाकों के लिए एडवांस प्लानिंग पर जोर दिया:
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भंडारण: भारी बर्फबारी वाले दूरस्थ क्षेत्रों में दिसंबर के अंत तक ही खाद्य सामग्री, पेयजल और ईंधन का भंडारण मार्च माह के अंत तक के लिए कर लिया जाए।
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सड़क संपर्क: पाला और बर्फ से ढकी सड़कों को तत्काल खोलने के लिए आधुनिक उपकरणों (Snow Cutters) की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा गया है। पाला-ग्रस्त क्षेत्रों में साइनेंज और रिफ्लेक्टर लगाए जाएंगे ताकि दुर्घटनाओं को रोका जा सके।
स्वास्थ्य और पशुधन की सुरक्षा
बैठक में चिकित्सा सेवाओं को चौबीस घंटे मुस्तैद रखने के निर्देश दिए गए। आपातकालीन सेवाओं में तैनात डॉक्टरों की सूची और मोबाइल नंबर सार्वजनिक किए जाएंगे। साथ ही, पशुधन की सुरक्षा के लिए चारे और दवाइयों का पर्याप्त स्टॉक रखने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि पशुपालकों को इस मौसम में नुकसान न उठाना पड़े।
पर्यटन और ट्रैकिंग के लिए सख्त प्रोटोकॉल
शीतकालीन पर्यटन को सुरक्षित बनाने के लिए मुख्य सचिव ने ट्रैकिंग संस्थाओं के साथ बैठक कर स्पष्ट निर्देश देने को कहा है। पर्यटकों की सुरक्षा हेतु गाइड, उपकरण और संचार व्यवस्था के बिना किसी भी गतिविधि की अनुमति नहीं दी जाएगी।
बैठक में प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षी सुन्दरम, आयुक्त कुमाऊं दीपक रावत, आयुक्त गढ़वाल विनय शंकर पाण्डेय सहित शासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे, जिन्होंने इस चुनौतीपूर्ण मौसम में प्रदेश को सुरक्षित रखने का सामूहिक संकल्प दोहराया।

