Tuesday, September 17, 2024
उत्तराखंडदेहरादून

कालसी स्थित बोहरी गांव में कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने इगास पर्व पर की शिरकत

देहरादून:- आज इगास पर्व के उपलक्ष्य में कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या कालसी स्थित बोहरी गांव में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सम्मलित हुई, जहाँ कार्यक्रम में स्थानीय महिलाओं और जनता ने मंत्री रेखा आर्या का भव्य स्वागत किया।

इस अवसर पर सर्वप्रथम कैबिनेट मंत्री ने भगवान परशुराम और माता रेणुका का आशीर्वाद लिया और सभी के सुख समृद्धि की कामना की। इस अवसर पर स्थानीय लोक कलाकारों ने शानदार लोकगीत गाये,साथ ही इस मौके पर स्थानीय महिलाओं के साथ मंत्री रेखा आर्या ने पारम्परिक लोकनृत्य भी किया।

पारम्परिक जौनसार -बाबर की वेशभूषा में पहुंची कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने स्थानीय जनता और कार्यक्रम आयोजको का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि यहाँ आकर उन्हें आज जौनसार-बाबर की लोक संस्कृति को करीब से देखने का सौभाग्य मिला।उन्हें यह देखकर बड़ी ख़ुशी हुई कि आज एक और जहाँ हम अपने पारम्परिक वेशभूषा को पीछे छोड़ते जा रहे है तो वहीं जौनसार-बाबर के लोग अभी भी अपनी संस्कृति और अपने जड़ो से जुड़े हुए हैं।

कैबिनेट मंत्री ने कहा कि आज हमें अपनी संस्कृति के संवर्धन के साथ उसके संरक्षण की भी नितांत आवश्यकता है ताकि हमारी आने वाली पीढ़ी हमारी संस्कृति और परंपरा को जान सके।

इगास पर्व के बारे में जानकारी देते हुए कैबिनेट मंत्री ने कहा कि दीपावली के ठीक 11 दिन बाद ईगास मनाने की परंपरा है।दरअसल दीपावली का उत्सव इसी दिन पराकाष्ठा को पहुंचता है, इसलिए पर्वों की इस शृंखला को ईगास-बग्वाल नाम दिया गया। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार राम के वनवास से अयोध्या लौटने पर लोगों ने कार्तिक कृष्ण अमावस्या को दीये जलाकर उनका स्वागत किया था। लेकिन, गढ़वाल क्षेत्र में राम के लौटने की सूचना दीपावली के ग्यारह दिन बाद कार्तिक शुक्ल एकादशी को मिली,इसीलिए ग्रामीणों ने खुशी जाहिर करते हुए एकादशी को दीपावली का उत्सव मनाया।

इस अवसर पर कैंट विधानसभा से विधायक सविता कपूर , पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रामशरण नौटियाल , मेला समिति अध्यक्ष अमर सिंह , पूर्व जिला पंचायत सदस्य गीता चौहान, क्षेत्र पंचायत सदस्य कुलदीप चौहान ,मंडल महामंत्री प्रवीण ,रण सिंह चौहान , गुलाब सिंह , जिला सोशल मीडिया प्रभारी वीरेंद्र सिंह सहित स्थानीय जनता उपस्थित रही।

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