Thursday, December 26, 2024
उत्तराखंडहेल्थ

सरोजनी के लिए देवदूत बनी श्रीनगर राजकीय संयुक्त उपजिला चिकित्सालय के डॉक्टरों की टीम, आपरेशन के बाद निकाली 7 किलो की रसौली

श्रीनगर गढ़वाल: पौड़ी गढ़वाल के श्रीनगर में स्थित महिला राजकीय संयुक्त उपजिला चिकित्सालय के डॉक्टरों की टीम अपनी कार्यशैली को लेकर आजकल चर्चाओं में है। पहाड़ के मरीजों के लिए देवदूत बनी यह टीम अब तक जटिल ऑपरेशन कर कई मरीजों की जान बचा चुकी है। टीम लीडर डॉ लोकेश सलूजा के साथ है मेहनती और लगनशीन डॉक्टरों की पूरी टीम। जो पहाड़ में पूरे सेवा भाव से अपने कार्यों को अंजाम दे रही है। इस टीम में वरिष्ठ सर्जन डॉ लोकेश सलूजा, डॉ सुनील, गायनोक्लाजिस्ट डॉ सोनाली सोनाली शाही, एनेस्थिीसिया एक्सर्पट डॉ निशा चौहान, डॉ मारीशा पंवार, सिस्टर सीतल, विलीएम्स व देव सिंह मौजूद थे। एक बार फिर इस टीम ने जटिल ऑपरेशन कर एक महिला की जान बचाई है।

आपको बता दें बीते सात-आठ महीनों से 47 साल की सरोजिनी नाम की मरीज माहवारी, पेट दर्द से परेशान थी। जब धीरे-धीरे पेट दर्द की शिकायत बढ़ने लगी तो महिला राजकीय संयुक्त उप जिला चिकित्सालय श्रीनगर, पौड़ी गढ़वाल पहुॅची। यहॉ रेडियोलॉजिस्ट डॉ रचित गर्ग ने महिला का अल्ट्रासांउड किया तो महिला के पेट में रसौली होने की पुष्टि हुई। जिसके बाद महिला को आपरेशन करने की सलाह दी गई। उप जिला अस्पताल श्रीनगर में करीब 3 घंटें तक चले ऑपरेशन के बाद डॉक्टरों ने महिला के पेट से करीब साढ़े चार किलो की रसौली को बाहर निकाला। वहीं ऑपरेशन के बाद महिला स्वस्थ है।

डॉ लोकेश सलूजा ने बताया कि सरोजनी का ओ नेगेटिव ब्लड ग्रुप था जो कि रियर होता है। सरोजनी के पेट में 8 महीने के बच्चे के बराबर रसौली थी। पेट दर्द से परेशान सरोजनी उप जिला चिकित्सालय में डॉक्टर सोनाली शाही स्त्री रोग विशेषज्ञ को दिखाने आई थी। अल्ट्रासाउंड में डॉ रचित गर्ग ने 22 सेन्टीमीटर की रसौली बच्चे दानी मे बताई गई। मरीज को इस ब्लॅड लगाकर ऑपरेशन की सलाह दी गई। ऑपरेशन 3 घंटे चला रसौली लगभग बाइस सेंटीमीटर बड़ी और सवा सात किलो की थी। ऑपरेशन को सफलतापूर्व अंजाम दिया गया। डॉ लोकेश सलूजा ने बताया कि अगर समय पर रसौली को महिला के पेट से बाहर नहीं निकाला जाता तो भविष्य में कैंसर का खतरा भी बन सकता था। वहीं महिला अब पूरी तरह ठीक है। ऑपरेशन में डॉक्टर सोनाली शाही, वरिष्ठ सर्जन डॉ लोकेश सलूजा, एनेस्थिीसिया एक्सर्पट डॉ निशा चौहान, डॉ मारीशा पंवार, सिस्टर सीतल, विलीएम्स व देव सिंह मौजूद थे।

जटिल ऑपरेशन को सफलतापूर्व संपन करने पर अस्पताल के सीएमएस डॉ नीरज राय ने टीम को शुभकामनायें दी और कहा कि डॉक्टरों की टीम पर उन्हें गर्व है। पहाड़ के मरीजों को अब इलाज के लिये शहरों का रूख नहीं करना पड़ रहा है यह हम सबके लिए गर्व की बात है।

स्वास्थ्य मंत्री और स्थानीय विधायक डॉक्टर धन सिंह रावत ने भी पूरी टीम को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि पर्वतीय जिलों में स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने पर सरकार का पूरा फोकस है। श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में कैथ लैव की सुविधा मिलने लगेगी। संयुक्त उपजिला चिकित्सालय का भी हम कायाकल्प करने जा रहे हैं। मरीजों को अब इलाज के लिए शहरों का रूख नहीं करना पड़ेगा।

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