विजय दिवस पर CM धामी का ऐतिहासिक ऐलान: वीर बलिदानियों को नमन कर अनुग्रह राशि ₹10 लाख से ₹50 लाख की; ‘नया भारत’ दुश्मनों को करारा जवाब दे रहा
गांधी पार्क में 1971 युद्ध के वीरों को श्रद्धांजलि; उत्तराखंड के 248 सपूतों के सर्वोच्च बलिदान को याद किया। परमवीर चक्र राशि ₹50 लाख से ₹1.50 करोड़ हुई; सैन्य धाम और जिला सैनिक कल्याण कार्यालयों को सरकारी वाहन देने की घोषणा।
शौर्य की गाथा, बलिदानियों का सम्मान
देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को विजय दिवस के अवसर पर गांधी पार्क, देहरादून में आयोजित समारोह में शहीद स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पित कर 1971 युद्ध के वीर बलिदानियों को भावभीनी श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर शहीद सैनिकों के परिजनों और युद्ध में शामिल सैनिकों को सम्मानित कर राष्ट्र के प्रति उनके अदम्य साहस और सर्वोच्च बलिदान को नमन किया।
वीर बलिदानियों के लिए सीएम का बड़ा ऐलान
मुख्यमंत्री धामी ने इस अवसर पर सैनिकों और पूर्व सैनिकों के कल्याण को समर्पित दो बड़ी घोषणाएं कीं:
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सरकारी वाहन: सैनिक कल्याण निदेशालय और जिला सैनिक कल्याण कार्यालयों (डीडीहाट, हरबर्टपुर, पिथौरागढ़ एवं हरिद्वार) समेत सभी पाँच कार्यालयों में अब सरकारी वाहन दिए जाएंगे, जिससे इन कार्यालयों के कामकाज में गति आएगी।
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सैन्य धाम: देहरादून के गुनियाल गाँव में भव्य सैन्य धाम का निर्माण कार्य तेजी से जारी है।
बलिदान का सम्मान: कल्याणकारी कदमों में अभूतपूर्व वृद्धि
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश की सेना को अत्याधुनिक बनाया जा रहा है, और सरकार सैनिकों व उनके परिवारों के लिए संकल्पित होकर कार्य कर रही है। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा किए गए ऐतिहासिक फैसलों का उल्लेख किया:
| वीरता पुरस्कार (Alankaran) | पुरानी अनुग्रह राशि | नई अनुग्रह राशि (एकमुश्त) |
| शहीद आश्रित (सामान्य) | ₹10 लाख | ₹50 लाख |
| परमवीर चक्र | ₹50 लाख | ₹1.50 करोड़ |
| अशोक चक्र | ₹30 लाख | ₹50 लाख |
| महावीर चक्र/कीर्ति चक्र | ₹20 लाख | ₹35 लाख |
| वीर चक्र/शौर्य चक्र | ₹15 लाख | ₹25 लाख |
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सरकारी नौकरी: बलिदानियों के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी में समायोजित करने का निर्णय लिया गया है। आवेदन की अवधि 2 वर्ष से बढ़ाकर 5 वर्ष की गई है।
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अन्य लाभ: वीरता पुरस्कार प्राप्त सैनिकों के लिए सरकारी बसों में निःशुल्क यात्रा और ₹25 लाख तक की संपत्ति खरीद पर स्टाम्प ड्यूटी में 25% की छूट प्रदान की जा रही है।
1971 की शौर्य गाथा और नया भारत
मुख्यमंत्री धामी ने 1971 के युद्ध की शौर्य गाथा को याद करते हुए कहा कि इस युद्ध में पाकिस्तान के लगभग 93 हजार सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया था। उन्होंने गर्व से बताया कि इस युद्ध में वीरभूमि उत्तराखंड के 248 बहादुर सपूतों ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया था और 74 सैनिकों को विभिन्न वीरता पदकों से सम्मानित किया गया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि “आज दुश्मन की एक-एक गोली का जवाब गोलों से दिया जा रहा है। यह नया भारत है, जो दुश्मनों की हर नापाक हरकत का करारा जवाब देता है और उन्हें उनके ठिकानों में ही नेस्तनाबूद कर देता है।” उन्होंने ऑपरेशन सिंधु में आकाश मिसाइल और ब्रह्मोस जैसे स्वदेशी हथियारों की सफलता का जिक्र किया।
सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने भी सैनिकों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की और कहा कि सैनिकों का सम्मान हर देशवासी का कर्तव्य है।
इस अवसर पर विधायक खजान दास, विधायक श्रीमती सविता कपूर, सचिव सैनिक कल्याण दीपेन्द्र चौधरी, मेजर जनरल (से.नि.) सम्मी सबरवाल तथा पूर्व सैनिक और वीरांगनाएँ उपस्थित थीं।

