भाजपा के जन सम्पर्क महाअभियान के खिलाफ कांग्रेस ने राजधानी देहरादून में शुरू किया पोल खोल महा अभियान
देहरादून: केंद्र की मोदी सरकार के सत्ता में नौ साल पूरे होने के उपलक्ष्य में भाजपा द्वारा शुरू किए गए जनसंपर्क महाअभियान के जवाब में महनागर देहरादून कांग्रेस की अगुवाई में महनागर के सभी 100 वार्डों में नुक्कड़ सभाएं , गोष्ठियां व चाय पर चर्चा आयोजित कर भाजपा के नौ सालों के कुशाशन की पोल खोलने का काम जनता के बीच जा कर किया जाएगा।
आज महनागर कांग्रेस अध्यक्ष डॉक्टर जसविंदर सिंह गोगी की अध्यक्षता में कांवली वार्ड में पूर्व पार्षद राजेश पुंडीर के आवास पर आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में मुख्य अतिथि उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने केंद्र की मोदी सरकार व राज्य की धामी सरकार पर जम कर हमला बोला। उन्होंने कहा कि 2014 के लोकसभा चुनावों में तब के पीएम इन वेटिंग श्री नरेन्द्र मोदी ने देश की जनता से जितने भी वायदे किये थे वे सभी जुमले साबित हुए।
उन्होंने कहा कि 2014 में जब रसोई गैस 410 रुपये, पेट्रोल 65 व डीजल 52 रुपये लीटर था, सरसों का तेल 80 रुपये लीटर व आटा 22 रुपये किलो तथा दाल 60 रुपये किलो थी तब बीजेपी और मोदी जी का सबसे ज्यादा प्रचारित नारा था “बहुत हुई महंगाई की मार अब की बार मोदी सरकार” और आज नौ साल बाद रसोई गैस 1200 रुपये पेट्रोल डीजल 100 पार , सरसों का तेल 200 रुपये लीटर, आटा 46 रुपये किलो व दालें 160 से 180 रुपये किलो मिल रही हैं और वित्त मंत्री सीतारमण कह रही हैं कि उनको कहीं महंगाई दिख नहीं रही।
श्री धस्माना ने कहा कि दूसरा नारा जो हर सभा में मोदी जी का होता था वो था हर साल दो करोड़ बेरोजगारों को रोजगार और नौ साल बाद हाल ये हो गया है कि बेरोजगारी में देश आज़ादी के बाद के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। उन्होंने कहा कि काला धन आएगा और सभी देशवासियों के खाते में सरकार 15 लाख रुपये डालेगी ऐसे मोदी जी ने ऐलान किया था किंतु न काला धन आया न 15 लाख रुपये आये बल्कि नोट बंदी से पूरे देश की अर्थव्यवस्था तहस नहस करने का काम मोदी जी ने सरकार बनने के बाद 2016 में किया जिसका खामियाजा आज पूरा देश भुगत रहा है और नोटबन्दी क बाद जारी 2000 के नोट को फिर बन्द कर मोदी जी ने स्वयं साबित कर दिया कि नोटबन्दी व 2000 का नोट छापने का निर्णय मूर्खतापूर्ण था।
श्री धस्माना ने कहा कि किसानों के खिलाफ तीन काले कानूनों को बिना किसानों को विश्वास में लिए पास करवाना फिर एक साल लंबे आंदोलन और सैकड़ों किसानों के बलिदान के बाद उनको वापस लेना ये तुगलकी फैसले नौ सालों में लिए गए। उन्होंने कहा कि मोदी जी नौ सालों में अपने अच्छे दिनों के वादे के बिल्कुल विपरीत काम करते रहे और देश की जनता के अच्छे दिन तो आ नहीं पाए परंतु मोदी जी के मित्रों अडानी अम्बानी के बहुत अच्छे दिन आ गए। श्री धस्माना ने कहा कि मोदी सरकार ने देश की संवैधानिक संस्थाओं का राजनीतिकरण करने में कोई कसर नहीं छोड़ी और आज हालात यह हो गए हैं कि आम जनता का विश्वास चुनाव आयोग जैसे प्रतिष्ठान पर भी डगमगा गया है।
प्रदेश सरकार पर अकर्मण्यता व भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए श्री धस्माना ने कहा कि पिछले छह वर्षों से ज्यादा समय उत्तराखंड में भाजपा की सरकार है किंतु राज्य में विकास पटरी से पूरी तरह से उतर गया है। बेरोजगारी व महंगाई अपने चरम पर है । उन्होंने कहा कि राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं का हाल यह है कि राजधानी के सरकारी अस्पताल में बच्चा शौचालय में पैदा हो रहे। उन्होंने कहा कि राज्य में खनन व शराब माफिया के हौसले बुलंद हैं व सरकार उनके खिलाफ कार्यवाही करने की बजाय उनकी संरक्षक बनी हुई है।