बिगड़ते मौसम की चेतावनी के बीच डीजीपी ने की बैठक, चारधाम यात्रा के लिए दिए निर्देश
देहरादून: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा की शुरूआत हो चुकी है, राज्य में यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ श्रद्धालुओं का पहुंचना भी शुरू हो गया है। आगामी वेदर फोरकास्ट को देखते हुए एक तरफ आपदा विभाग नजर बनाए हुए है। चारधाम यात्रा में मौसम से यात्रियों को परेशानियों का सामना ना करना पड़े, इसके लिए पुलिस ने कमर कस ली है। डीजीपी अशोक कुमार ने गढ़वाल मंडल के अपने अधीनस्थ अधिकारियों को जरूरी कदम उठाए जाने को लेकर निर्देशित किया है। साथ ही आपदा प्रबंधन विभाग से सामंजस्य बनाए रखने के निर्देश दिए हैं।
दरअसल, राज्य सरकार ने सीमित संख्या की बाध्यता को भी इस बार खत्म कर दिया है। लिहाजा अब आने वाले दिनों में श्रद्धालुओं की संख्या और भी ज्यादा होने की उम्मीद है। उधर दूसरी तरफ मौसम विभाग भी आने वाले दिनों में बदलते मौसम की भविष्यवाणी की जानकारी दे रहा है।
ऐसे में तमाम तैयारियों और आगामी भविष्यवाणी को लेकर जरूरी कदम उठाए जाने पर पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने गढ़वाल क्षेत्र के पुलिस के अधिकारियों की बैठक ली। इस दौरान कई महत्त्वपूर्ण दिशा-निर्देश भी जारी किए गए। पुलिस महानिदेशक की तरफ से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की गई बैठक में केदारनाथ धाम को लेकर मौसम विभाग की भविष्यवाणी पर निर्देश देते हुए रुद्रप्रयाग एसपी को जिला प्रशासन और संबंधित विभागों से समन्वय स्थापित करने के लिए कहा गया।
आपको बता दें कि मौसम विभाग ने आने वाले 5 से 6 दिनों तक बर्फबारी की संभावना व्यक्त की है। यही नहीं, इसके लिए प्रचार प्रसार करते हुए यात्रियों को भी मौसम के बेहतर होने के बाद ही यात्रा में आने को लेकर जानकारी देने के लिए कहा गया है। उधर उत्तरकाशी, चमोली और रुद्रप्रयाग के लिए अवलॉन्च के खतरे से संबंधित भविष्यवाणी को लेकर भी जरूरी एहतियात बरतने के लिए कहा गया है।
पुलिस विभाग के अधिकारियों को आपदा प्रबंधन के साथ भी संबंध स्थापित करने के लिए कहा गया है। साथ ही जरूरी संसाधनों को भी तैयार रखने के निर्देश दिए गए हैं। कर्मचारियों की आपदा से संबंधित स्थानों के आसपास नियुक्ति के निर्देश भी मिले हैं। यात्रा रूटों पर भी विशेष रूप से ध्यान देने के लिए कहा गया है। साथ ही ज्यादा संख्या में श्रद्धालुओं के आने पर बेहतर मैनेजमेंट किए जाने के लिए भी निर्देश मिले हैं। साथ ही यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि पंजीकरण को लेकर श्रद्धालुओं को किसी भी तरह से परेशान न किया जाए और इसके लिए अधिकारियों के साथ समन्वय रखा जाए।