जिस INS ब्रह्मपुत्र में लगी आग, पढ़ें उससे जुड़ी पांच खास बात
मुंबई के नौसेना डाकयार्ड पर बड़ा हादसा हुआ है। यहां मरम्मत के दौरान रविवार को नौसेना के बहुउद्देश्यीय युद्धपोत आइएनएस ब्रह्मपुत्र पर आग लग गई। नौसेना डाकयार्ड मुंबई और बंदरगाह में मौजूद अन्य जहाजों के अग्निशमन कर्मियों की सहायता से सोमवार की सुबह तक आग पर काबू पा लिया गया। इसके अलावा, आग लगने के बाद हुए नुकसान के आकलन के लिए जांच का आदेश दिया गया है।
रक्षा मंत्री को दी गई जानकारी
नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को युद्धपोत आइएनएस ब्रह्मपुत्र में लगी आग से अवगत कराया है। जानकारी के अनुसार आग की घटना में युद्धपोत एक तरफ झुक गया है और तमाम कोशिशों के बावजूद जहाज को सीधा नहीं किया जा सका है। फिलहाल जहाज एक तरफ टिका हुआ है। हादसे में एक नाविक को छोड़कर सभी कर्मियों को बचा लिया गया है। लापता नाविक की तलाश जारी है।
- आईएनएस ब्रह्मपुत्र स्वदेशी रूप से निर्मित पहला निर्देशित मिसाइल युद्धपोत है। अप्रैल 2000 में इसे भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था।
- आईएनएस ब्रह्मपुत्र का वजन तकरीबन 5,300 टन है। इसकी लंबाई 125 मीटर है, चौड़ाई 14.4 मीटर है और यह 27 नॉट से अधिक की गति से चलने में सक्षम है।
- आईएनएस ब्रह्मपुत्र पर 40 अधिकारियों और 330 नाविकों का दल होता है। जहाज मध्यम दूरी, निकट दूरी और सतह से सतह व सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों और टारपीडो लांचरों से लैस है।
- जहाज पर कई तरह के सेंसर भी लगे हैं। इससे चेतक हेलीकॉप्टर भी उड़ान भर सकते हैं। आईएनएस ब्रह्मपुत्र ने 2006 में लेबनान संघर्ष के वक्त ऑपरेशन सुकून में भी अहम भूमिका निभाई थी।
- जहाज का नाम ब्रह्मपुत्र नदी के नाम पर रखा गया है। जहाज के प्रतीक चिह्न में नीली समुद्री लहरों और भारतीय गैंडे को दर्शाया गया है।