Friday, December 27, 2024
उत्तराखंड

बीते नौ साल से धाम के रावल और मुख्य पुजारी टेंट में रहने को मजबूर, 2013 की आपदा में नष्ट हुए थे आवास

रुद्रप्रयाग: पूजा समेत विभिन्न व्यवस्थाओं का जिम्मा संभालने वाली श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के पास केदारनाथ धाम में अपना स्थायी ठौर तक नहीं है। बीते नौ साल से धाम के रावल, मुख्य पुजारी और मंदिर समिति के सदस्य टेंट में रहने को मजबूर हैं। वर्ष 2013 की आपदा के दौरान केदारनाथ धाम में भारी तबाही मची थी, जिसमें समिति के आवास व कार्यालय भी नष्ट हो गए थे। हालांकि, धाम में दूसरे चरण के पुनर्निर्माण कार्यों के तहत केदारनाथ मंदिर के पास समिति के कार्यालय और रावल व मुख्य पुजारी के आवास का निर्माण शुरू हो गया है, लेकिन कार्य के इस सीजन में पूरे होने के आसार कम हैं। केदारनाथ धाम में मंदिर की देख-रेख और पूजाएं संपन्न कराने के साथ धाम की सभी व्यवस्थाओं के संचालन का जिम्मा मंदिर समिति के पास है।

धाम में मंदिर समिति की अपनी पेयजल लाइन और पावर हाउस भी है। यात्रा काल के दौरान रावल, मुख्य पुजारी, समिति के कार्याधिकारी व कर्मचारी धाम में ही निवास करते हैं। इसके अलावा समिति का 60 से अधिक सदस्यीय स्टाफ भी धाम में रहता है। वर्ष 2013 की आपदा में मंदिर समिति की आवासीय कालोनी, रावल व मुख्य पुजारी आवास, भोग मंडी और अतिथि गृह सैलाब की भेंट चढ़ गए थे। तब से लेकर अब तक समिति का कार्यालय टेंट में चल रहा है। यहां तक कि कर्मचारी, रावल व मुख्य पुजारी भी टेंट में ही रह रहे हैं।

केदारनाथ में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों के दूसरे चरण में लगभग आठ करोड़ की लागत से मंदिर समिति के तीन मंजिला प्रशासनिक भवन का निर्माण होना है। जिस पर कार्य शुरू भी हो गया है। इसके अलावा मंदिर समिति का कार्यालय, रावल व मुख्य पुजारी आवास, भोग मंडी और कर्मचारियों की आवासीय कालोनी भी बननी है। हालांकि, इस सीजन में इनके तैयार होने की उम्मीद नहीं हैं। ‘मंदिर समिति के भवनों का निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है। इस यात्रा सीजन के अंत तक निर्माण पूर्ण करने का प्रयास किया जाएगा, ताकि जल्द मंदिर समिति के सदस्यों को आवास मिल सके।’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *