रिक्तियाँ उपलब्ध नहीं होने पर दिल्ली में 6 वर्षों से नई वृद्धा पेंशन के आवेदन है बंद, बुजुर्गो के साथ दुर्व्यवहार
दिल्ली : दुनियाभर में हर साल 15 जून विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस के रूप में मनाया जाता है। जिसका मकसद लोगों का बुर्जुर्गों के साथ होने वाले दुर्व्यवहार के बारे में बताना और उसके प्रति जागरूक करना है। इसका खास मकसद है बुजुर्ग के साथ होने वाले दुर्व्यवहार की तरह लोगों का ध्यान आकर्षित करना। उन्हें जागरूक करना और इसे रोकने के प्रयास करना। आजकल कई ऐसे मामले सुनने को मिलते हैं जहां लोग बूढ़े मां-बाप के साथ अच्छा बर्ताव नहीं करते, उन्हें ओल्ड एज होम में रहने के लिए भेज देते हैं या और भी कई तरीकों से परेशान करते हैं, जो बहुत ही दुखदायी है। ऐसा ही दुर्व्यवहार दिल्ली में रह रहे बुजुर्गो के साथ दिल्ली सरकार द्वारा किया जा रहा है। ऐसा हम नहीं कह रहे, यह कहना है सामाजिक कार्यकर्ता हरपाल सिंह राणा का उन्होंने बताया दिल्ली में बीते 6 वर्षों से नई वृद्धा पेंशन के आवेदन बंद है।
कहा उनके निवास कादीपुर में क्षेत्र के कई सारे बुजुर्ग पेंशन की समस्या को लेकर आते है और पेंशन के इंतज़ार में कुछ बुजुर्गो का दम तक ही निकल गया। बीते वर्ष फरवरी में राणा की एक शिकायत के जवाब में दिल्ली सरकार द्वारा जो जवाब दिया गया वह शर्मशार करने वाला है, जवाब में बताया गया कि वर्तमान में वृद्धावस्था आर्थिक योजन के अंतर्गत रिक्तियाँ उपलब्ध नही है। नई रिक्तियों की घोषण दिल्ली सरकार द्वारा उचित समय पर की जायेगी। तो वही 12 जून को दिल्ली सरकार द्वारा राणा को जवाब में बताया कि दिल्ली सरकार द्वारा वृधावस्था पेंशन अभी बंद हैI शुरू होने की सूचना अखबार या क्षेत्र के विधायक द्वारा भी प्राप्त हो सकती है, और इसे नीति मामला बताया।
इस पर राणा कहते है क्या दिल्ली सरकार किसी गिद्ध की तरह बुजुर्गो के दम तोड़ने का इंतज़ार कर रही है। रिक्तियाँ उपलब्ध नही है, से तो यही समझा जा सकता है। आज बुजुर्गों को दवाईयां और रोज़ की आवश्यकताओं के लिए आस पड़ोस में हाथ फैलाना पड़ता है। पेंशन शुरू होने के इंतज़ार में कई बुजुर्ग परिवार में बोझ बनते जा रहे है। दिल्ली सरकार द्वारा बुजुर्गों के साथ किया जा रहा यह दुर्व्यवहार ही है। आज भी बुजुर्ग नई वृद्धा पेंशन के आवेदन भरे जाने की खबर के इंतज़ार में दिल्ली सरकार की ओर टकटकी लगाए बैठे है। राणा का कहना है कि दिल्ली सरकार को रिक्तियाँ बढ़ने की चाहिए यही बुजुर्गो के लिए तीर्थ यात्रा होगी।