हेलीकाप्टर हादसे का दोषी और, जिम्मेदार कौन?
देहरादून: केदारनाथ में हेलिकॉप्टर क्रैश की घटना पर कई लोगों ने दुख जताया है। इस हादसे में पायलट समेत 7 लोगों की जान चली गई है। केदारनाथ से गुप्तकाशी जाने के दौरान यह भीषण हादसा हुआ है। बताया जा रहा है कि घाटी में मौसम खराब था। कई प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि वहां रह-रह कर बारिश हो रही थी। अब सवाल यह है कि अगर केदानरनाथ में मौसम खराब था तब हेलिकॉप्टर को उड़ने की इजाजत किसने दी। यह एक निजी कंपनी का हेलिकॉप्टर था। हादसे में पायलट समेत 7 लोगों की मौतों का जिम्मेदार कौन है? उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने इस पूरे मामले में जांच के आदेश दिये हैं।
राज्य के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी है। सीएम ने कहा कि केदारनाथ के समीप गरुड़ चट्टी में दुर्भाग्यपूर्ण हेलीकॉप्टर क्रैश में कुछ लोगों के हताहत होने का अत्यंत दु:खद समाचार प्राप्त हुआ है। राहत और बचाव कार्य हेतु SDRF और जिला प्रशासन की टीम घटनास्थल पर पहुंच चुकी है। इस दु:खद घटना के विस्तृत जांच के आदेश दे दिए गए हैं। बताया जा रहा है कि केदारनाथ में अभी मौसम खराब है। यहां हल्की बर्फबारी भी हो रही है। अगले आदेश तक हेलिकॉप्टर सेवाओं पर रोक लगा दी गई है। केदारनाथ में घने कोहरे की बात भी सामने आ रही है।
इस हादसे पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि केदारनाथ में श्रद्धालुओं को ले जा रहे हेलिकॉप्टर के क्रैश की घटना बहुत दुःखद है। इस दुर्घटना में जान गवाने वाले सभी लोगों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूँ। ईश्वर उन्हें यह दुःख सहने की शक्ति दें। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने भी इस हादसे पर दुख जताया है।
इन लोगों की हुई मौत
बताया जा रहा है कि जमीन पर गिरने के साथ ही हेलिकॉप्टर आग की चपेट में आ गया। हादसे में हेलिकॉप्टर में सवार सभी 7 लोगों की मौत हो गई है। मृतकों में पूर्वा रामानुज, कृति ब्राड, उर्वी, सुजाता, प्रेम कुमार, काला और पायलट अनिल सिंह शामिल हैं।
कोहरे की वजह से हादसा
इस हादसे के बाद राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अशोक कुमार ने बताया कि दुर्घटना में मरने वालों में पायलट भी शामिल है। उन्होंने बताया कि दुर्घटना के शिकार श्रद्धालु रूद्रप्रयाग जिले में स्थित केदारनाथ मंदिर के दर्शन कर वापस आ रहे थे कि तभी रास्ते में उनके हेलीकॉप्टर में आग लग गई। कुमार ने बताया कि हादसे के कारणों का तत्काल पता नहीं चल पाया है लेकिन दुर्घटना संभवत: कोहरे के चलते हुई। दुर्घटना की सूचना मिलते ही राज्य आपदा प्रतिवादन बल के साथ ही पुलिस और जिला प्रशासन के दल भी बचाव कार्य के लिए घटनास्थल पर पहुंच गए।
जिस इलाके में हादसा हुआ है वहां के बारे में बताया जा रहा है कि यहां उड़ान भरने के दौरान अक्सर पायलट को संकरी घाटियों से होकर गुजरना पड़ता है। इस हादसे को लेकर अंदेशा जताया जा रहा है कि पायलट ने उड़ान के बाद अचानक मौसम के ज्यादा खराब हो जाने की वजह से शायद मुड़ने की कोशिश की और हेलिकॉप्टर हादसे का शिकार हो गया।